9वी क्लास में था जब हुआ पहला प्यार
Story शुरू होती है एक स्कूल से लड़के का नाम लकी था वह बहुत ही खुशमिजाज ओर शरारती लड़का था अपनी क्लास का उसके 4 दोस्त थे जिनके साथ वो हमेशा खुश रहता था और खूब मस्ती करता था ऐसा ही चल रहा था सब रोज स्कूल आना पड़ना ओर मस्ती कर के चले जाना । सब कुछ बहुत ही अच्छा चल रहा था ।फिर एक दिन हमारी कलास में एक न्यू लड़की का एडमिशन हुआ जिसका नाम खुशी था खुशी अपने नाना नानी के घर में रहने आई थी ओर वही से हमारे स्कूल में पड़ने आने लगी थी खुशी के मामा की लड़की भी हमारी क्लास में पड़ती थी जिसका नाम छाया था तो दोनों एक साथ ही क्लास में बैठती थी ।कुछ समय बीत जाने के बाद अब लकी के एक दोस्त जिसका नाम प्रिन्स था उसको खुशी से प्यार हो गया और खुशी भी प्रिन्स को चाहने लगी थी और दोनों ने प्यार का इजहार कर लिया और अब जब भी समय मिलता तो प्रिन्स ओर खुशी एक साथ कहि बेठ कर बाते करते थे और स्कूल में किसी ओर को शक न हो तो प्रिन्स लकी को अपने साथ ले आता था और खुशी छाया को । ये दोनों तो आपसी बातो में खोए रहते थे छाया ओर लकी भी एक साइड बैठे रहते थे ।
आहिस्ता आहिस्ता लकी ओर छाया एक दूसरे के साथ बात करने लग पड़े और अब जब भी खाली समय होता तो ये चारों एक साथ बैठ कर बाते करते ओर हसि मजाक करते ये सिलसिला चलता ही जा रहा था ।
यह था स्टोरी का आधार Story शुरु होती है अब
लकी ओर छाया दोनों आपस मे खुल के बात करने लगे थे और काफ़ी समय साथ बिताने लगे थे बोलने का मतलब अच्छे दोस्त बन गए थे अब जिस दिन छाया स्कूल नही आती थी तो लकी का मन स्कूल में नही लगता था ओर पूरा दिन छाया को याद करता रहता और जैसे ही छाया दूसरे दिन स्कूल आती तो उसको देख कर काफी सकूँ सा महसूस करता और काफी खुश होता और जैसे ही खाली समय मिलता तो सबसे पहले उस से पूछता के कल क्यो नही आई थी स्कूल तुम कहाँ गई थी क्या काम था । लकी छाया की ओर आकर्षित होने लगा था और मन ही मन मे शायद उसको चाहने लगा था लकी को छाया के साथ समय बिताना इतना अच्छा लगने लगा था कि जिसका कोई हिसाब नही था ओर छाया भी काफी खुश रहती थी परन्तु वो अभी तक अनजान थी कि लकी के दिल मे क्या चल रहा है लकी कोई भी अभी तक ये पूरा एहसास नही था कि वो उसको मन ही मन मे चाहने लगा था
ऐसा ही चल रहा था काफ़ी दिनों तक एक दिन खुशी और छाया कही घूमने गई थी और वहां उन्होंने कुछ फोटो खिंचवाए थे तो कुछ दिन बाद वो फ़ोटो हमे दिखाने के लिए स्कूल में ले आये और मुझे आज भी अछी तरह याद है कि हम स्कूल के ग्राउंड में क्रिकेट का मैच खेल रहे थे तो छाया ने लकी को वो फ़ोटो दिखाई और लकी ने देख कर अपने पास रख ली अब छाया जब मांगने लगी वापिस फ़ोटो तो लकी ने देने से मना कर दिया । तो वो बोलने लगी तुम क्या करोगे मेरी फ़ोटो रख कर तुम्हारे किसी काम की नही है तुम मुझे ये फोटो वापिस दे दो और ये कोई बात नही बनती की मेरी फ़ोटो तुम्हारे पास रहे या गलत बात है ।तो लकी बोलता है अब जिस दिन तुम नही आओगी तो में ये फोटो देख लिया करूँगा क्योंकि जिस दिन तुम नही आती हो तो मेरा मन नही लगता ओर में पूरा दिन तुम्हारे बारे में सोचता रहता हूं अब ये फोटो तुम्हे नही मिलेगी तुम जाओ यहां से तो वो ज़िद करने लगी और गुसे में बोलने लगी तुम मेरी फ़ोटो दोगे या नही में आखरी बार बोल रही हु तो लकी ने कहा नही तो उसने बोला ठीक है तो आज के बाद मुझ से बात करने की कोसिस मत करना और न ही म तुमसे कभी बात करूँगी ।शायद उस दिन छाया को कुछ हद तक अहसास हो गया था कि मामला कुछ और ही है फिर वो वहां से चली गई उस दिन के बाद से छायाबने लकी से बात करना बंद कर दी ।
लकी बात करने की कोशिश करता तो भी वो बात का जवाब नही देती बहुत दिनो तक ऐसा चलता रहा अव दोनों के बीच दोस्ती वाला अहसास खत्म हो गया था और दोनों के अंदर अहसास प्यार वाला उत्पन्न हो रहा था क्योंकि वो पहले ज्यादा तर समय एक साथ बिताते थे फ़ोटो वाली बात होने के बाद दोनों दूर दूर रह रहे थे तो बात की जाए तो कैसे लकी तो प्यार में पड़ ही गया था ओर जब कभी भी दोनों की नज़रे मिलती तो एक अलग ही अहसास उत्पन्न हो रहा था मानो जैसे किसी ने दिल पर बर्फ रख दी हो पूरे शरीर मे एक अलग सा ओर बेहद ही अलग सा महसूस होने लगा था वो एक पल की नज़र का मिलना दिल को काफी सकूँ दिलाता था दिल करता था कि बस आंखों में ही देखता हूं दोनों को इस अहसास का अनुभव बहुत ही गहराई से हो रहा था अब छाया को भी ये अहसास हो गया था कि उसके दिल मे लकी के लिए प्यार की अनुभूति उत्पन्न हो रही है वो बात नही करती थी पर उसकी आंखें सब कुछ बयान कर जाती थी दोनों को बीच ये जो चल रहा था उसमें दोनों ही काफी खुश थे अब दोनों एक दूसरे के बिना देखे बिना एक पल भी नही रहते थे पर बात नही करते थे अगर दोनों में से कोई एक दिन स्कूल नही आता तो दूसरे दिन आंखों ही आँखों मे जो नाराज़गी जाहिर की जाती थी । वो तो बयान करना बेहद मुश्किल हैं उसके बाद जब भी दोनों में से एक को अगले दिन नही आना होता था या हाफ डे में जाना बोट था तो आंखों ही आंखों में सब बोला जाता था । अगर दोनों में कोई मना कर दे तो बात को मानना पड़ता था
अब हुआ कुछ यूं एक दिन की छाया के गांव में शादी थी और उसे शादी में जाना था परन्तु लकी ने उसे जाने से मना कर दिया आंखों ही आंखों में ओर वो मान भी गई जब उसके गाँव वाले ओर साथी जा रहे थे और उसे चलने को बोल रहे थे तो वो मना कर रही थी । मजे की बात तो यह हुई के हाफ टाइम खत्म होने के बाद एक अध्यापक आये और उनका कुछ समान लाना था बाजार से ओर बाजार स्कूल से काफी दूर था और कम से कम 3 घण्टे लगने थे आने जाने में ओर इस काम के लिए लकी ओर राकेश कालिया को भेजा गया अब लकी का नाम लिया अध्यापक ने तो छाया ने एक दम लकी की तरफ देखा और आंखों हो आंखों में बताने लगी कि तुम्हारे चक्कर मे मैं अपने गाँव मे हो रही शादी में नही गई अब तुम भी मन कर दो और मत जाना पर लकी ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया और चल पड़ा समान लेन के लिये छाया का मुंह बिलकुल लाल हो गया और आंखों में पानी का सैलाब जमा हो गया और नज़रे नीचे झुका ली ।
लकी के मन मे कुछ और ही चल रहा था उसने प्लान बनाया के अधयापक का समान पहुंचा कर सीधे छाया के गांव में जाएंगे और उस को अपने दिल की बात बता दूंगा क्योकि रात को सब शादी में मस्त होंगे तो मोका मिलते ही अपने प्यार का इजहार कर दूंगा
ओर शायद उस दिन भगवान भी यही चाहता था तभी तो कुछ संजोग ही ऐसा मिला के अभी लकी ओर राकेश उसके गांव में पहुंचे ही थे कि रास्ते मे छाया ओर उसकी सेहली मिल गई और लकी ने उसको बताया कि तुम थोड़ी देर में अपने घर के नीचे जो जगह है वहां आ जाना तुम से कुछ बात करनी है परन्तु छाया ने गुस्से में कहा भाड़ में जाओ तुम में नही आने वाली ओर वहां से चली गई और पीछे से लकी ने कहा तुम जरूर आना में इंतजार करूँगा चाहे पूरी रात करना पड़े में वही ही खड़ा हो कि तुम्हारे आने का इंतजार करता रहूंगा लकी ओर राकेश वहां जा कर उसका इंतजार करने लगे करीब 2 घण्टे के बाद छाया ओर उसकी एक सेहली आई उसे आते देख लकी की खुशी का ठिकाना नही रहा और जब छाया ने पास आ कर कहा की बोले क्यों बुलाया था तुमने तो लकी ने बड़ी हिमत जुटा कर अपने प्यार का इजहार किया और बोला कि मै तुम्हे बेहद प्यार करता हु क्या तुम्हे मेरा प्यार मंजूर है तो छाया ने जवाब दिया नही मुझे तुमसे प्यार नही है लकी ने दुबारा पूछा तो फिर वही जवाब के नही चाहती में आपको ये सुन कर लकी ने कहा कि ये तुम्हारा आखरी जवाब है तो उसने कहा हां ये आखरी जवाब है लकी की आंखों में आँसुओ का सैलाब आ गया और वो चुप चाप से वापिस मुड़ के आ गया और उसकी आँखों से सिर्फ पानी ही बह रहा था ये देख राकेश भी उसको मनाने लगा कि लकी सच मे तुमसे बहुत प्यार करता है तुम हा बोल दो उसका दिल मत तोड़ो । लकी वहां से काफी दूर चला गया था पर राकेश उसको लकी के बारे में बता रहा रहा कि वो तुम से कितना प्यार करता है । और बाद में राकेश खुशी से दौड़ता हुआ आया और बोला कि छाया ने हा बोल दी है लकी को विस्वास नही हो रहा था कि वो मान गई है अगर उसने हा की है तो मेरे साथ क्यों मना कर रही थी ।
लकी दूसरे दिन स्कूल में फिर से छाया को पूछता है कि जो बात तुमने राकेश को बताई वो मुझे क्यों नही बता रही थी जब में पूछ रहा था तो उसने कहा कि हम कभी भी एक नही हो सकते उसके पीछे एक राज है और में इसलिए मन कर रही हु की बाद में पछताने से अच्छा है कि ये सिलसिला यही खत्म कर दे तो ही अच्छा रहेगा हम दोनों के लिए पर लकी मानने को तैयार नही था वो बोल रहा था कि आगे जो होगा वो बाद कि बात है तुम अभी की बात करो बाद कि बाद में देखेंगे । छाया ने कहा कि बाद में मुझे कोई दोष मत देना उसने कहा ठीक है । अब दोनों के बीच प्यार का सिलसिला शुरू हो गया ओर 2 साल बाद कुछ ऐसा हुआ कि जिसकी कल्पना कभी लकी ने की नही थी ।।
ऐसा ही चल रहा था काफ़ी दिनों तक एक दिन खुशी और छाया कही घूमने गई थी और वहां उन्होंने कुछ फोटो खिंचवाए थे तो कुछ दिन बाद वो फ़ोटो हमे दिखाने के लिए स्कूल में ले आये और मुझे आज भी अछी तरह याद है कि हम स्कूल के ग्राउंड में क्रिकेट का मैच खेल रहे थे तो छाया ने लकी को वो फ़ोटो दिखाई और लकी ने देख कर अपने पास रख ली अब छाया जब मांगने लगी वापिस फ़ोटो तो लकी ने देने से मना कर दिया । तो वो बोलने लगी तुम क्या करोगे मेरी फ़ोटो रख कर तुम्हारे किसी काम की नही है तुम मुझे ये फोटो वापिस दे दो और ये कोई बात नही बनती की मेरी फ़ोटो तुम्हारे पास रहे या गलत बात है ।तो लकी बोलता है अब जिस दिन तुम नही आओगी तो में ये फोटो देख लिया करूँगा क्योंकि जिस दिन तुम नही आती हो तो मेरा मन नही लगता ओर में पूरा दिन तुम्हारे बारे में सोचता रहता हूं अब ये फोटो तुम्हे नही मिलेगी तुम जाओ यहां से तो वो ज़िद करने लगी और गुसे में बोलने लगी तुम मेरी फ़ोटो दोगे या नही में आखरी बार बोल रही हु तो लकी ने कहा नही तो उसने बोला ठीक है तो आज के बाद मुझ से बात करने की कोसिस मत करना और न ही म तुमसे कभी बात करूँगी ।शायद उस दिन छाया को कुछ हद तक अहसास हो गया था कि मामला कुछ और ही है फिर वो वहां से चली गई उस दिन के बाद से छायाबने लकी से बात करना बंद कर दी ।
लकी बात करने की कोशिश करता तो भी वो बात का जवाब नही देती बहुत दिनो तक ऐसा चलता रहा अव दोनों के बीच दोस्ती वाला अहसास खत्म हो गया था और दोनों के अंदर अहसास प्यार वाला उत्पन्न हो रहा था क्योंकि वो पहले ज्यादा तर समय एक साथ बिताते थे फ़ोटो वाली बात होने के बाद दोनों दूर दूर रह रहे थे तो बात की जाए तो कैसे लकी तो प्यार में पड़ ही गया था ओर जब कभी भी दोनों की नज़रे मिलती तो एक अलग ही अहसास उत्पन्न हो रहा था मानो जैसे किसी ने दिल पर बर्फ रख दी हो पूरे शरीर मे एक अलग सा ओर बेहद ही अलग सा महसूस होने लगा था वो एक पल की नज़र का मिलना दिल को काफी सकूँ दिलाता था दिल करता था कि बस आंखों में ही देखता हूं दोनों को इस अहसास का अनुभव बहुत ही गहराई से हो रहा था अब छाया को भी ये अहसास हो गया था कि उसके दिल मे लकी के लिए प्यार की अनुभूति उत्पन्न हो रही है वो बात नही करती थी पर उसकी आंखें सब कुछ बयान कर जाती थी दोनों को बीच ये जो चल रहा था उसमें दोनों ही काफी खुश थे अब दोनों एक दूसरे के बिना देखे बिना एक पल भी नही रहते थे पर बात नही करते थे अगर दोनों में से कोई एक दिन स्कूल नही आता तो दूसरे दिन आंखों ही आँखों मे जो नाराज़गी जाहिर की जाती थी । वो तो बयान करना बेहद मुश्किल हैं उसके बाद जब भी दोनों में से एक को अगले दिन नही आना होता था या हाफ डे में जाना बोट था तो आंखों ही आंखों में सब बोला जाता था । अगर दोनों में कोई मना कर दे तो बात को मानना पड़ता था
अब हुआ कुछ यूं एक दिन की छाया के गांव में शादी थी और उसे शादी में जाना था परन्तु लकी ने उसे जाने से मना कर दिया आंखों ही आंखों में ओर वो मान भी गई जब उसके गाँव वाले ओर साथी जा रहे थे और उसे चलने को बोल रहे थे तो वो मना कर रही थी । मजे की बात तो यह हुई के हाफ टाइम खत्म होने के बाद एक अध्यापक आये और उनका कुछ समान लाना था बाजार से ओर बाजार स्कूल से काफी दूर था और कम से कम 3 घण्टे लगने थे आने जाने में ओर इस काम के लिए लकी ओर राकेश कालिया को भेजा गया अब लकी का नाम लिया अध्यापक ने तो छाया ने एक दम लकी की तरफ देखा और आंखों हो आंखों में बताने लगी कि तुम्हारे चक्कर मे मैं अपने गाँव मे हो रही शादी में नही गई अब तुम भी मन कर दो और मत जाना पर लकी ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया और चल पड़ा समान लेन के लिये छाया का मुंह बिलकुल लाल हो गया और आंखों में पानी का सैलाब जमा हो गया और नज़रे नीचे झुका ली ।
लकी के मन मे कुछ और ही चल रहा था उसने प्लान बनाया के अधयापक का समान पहुंचा कर सीधे छाया के गांव में जाएंगे और उस को अपने दिल की बात बता दूंगा क्योकि रात को सब शादी में मस्त होंगे तो मोका मिलते ही अपने प्यार का इजहार कर दूंगा
ओर शायद उस दिन भगवान भी यही चाहता था तभी तो कुछ संजोग ही ऐसा मिला के अभी लकी ओर राकेश उसके गांव में पहुंचे ही थे कि रास्ते मे छाया ओर उसकी सेहली मिल गई और लकी ने उसको बताया कि तुम थोड़ी देर में अपने घर के नीचे जो जगह है वहां आ जाना तुम से कुछ बात करनी है परन्तु छाया ने गुस्से में कहा भाड़ में जाओ तुम में नही आने वाली ओर वहां से चली गई और पीछे से लकी ने कहा तुम जरूर आना में इंतजार करूँगा चाहे पूरी रात करना पड़े में वही ही खड़ा हो कि तुम्हारे आने का इंतजार करता रहूंगा लकी ओर राकेश वहां जा कर उसका इंतजार करने लगे करीब 2 घण्टे के बाद छाया ओर उसकी एक सेहली आई उसे आते देख लकी की खुशी का ठिकाना नही रहा और जब छाया ने पास आ कर कहा की बोले क्यों बुलाया था तुमने तो लकी ने बड़ी हिमत जुटा कर अपने प्यार का इजहार किया और बोला कि मै तुम्हे बेहद प्यार करता हु क्या तुम्हे मेरा प्यार मंजूर है तो छाया ने जवाब दिया नही मुझे तुमसे प्यार नही है लकी ने दुबारा पूछा तो फिर वही जवाब के नही चाहती में आपको ये सुन कर लकी ने कहा कि ये तुम्हारा आखरी जवाब है तो उसने कहा हां ये आखरी जवाब है लकी की आंखों में आँसुओ का सैलाब आ गया और वो चुप चाप से वापिस मुड़ के आ गया और उसकी आँखों से सिर्फ पानी ही बह रहा था ये देख राकेश भी उसको मनाने लगा कि लकी सच मे तुमसे बहुत प्यार करता है तुम हा बोल दो उसका दिल मत तोड़ो । लकी वहां से काफी दूर चला गया था पर राकेश उसको लकी के बारे में बता रहा रहा कि वो तुम से कितना प्यार करता है । और बाद में राकेश खुशी से दौड़ता हुआ आया और बोला कि छाया ने हा बोल दी है लकी को विस्वास नही हो रहा था कि वो मान गई है अगर उसने हा की है तो मेरे साथ क्यों मना कर रही थी ।
लकी दूसरे दिन स्कूल में फिर से छाया को पूछता है कि जो बात तुमने राकेश को बताई वो मुझे क्यों नही बता रही थी जब में पूछ रहा था तो उसने कहा कि हम कभी भी एक नही हो सकते उसके पीछे एक राज है और में इसलिए मन कर रही हु की बाद में पछताने से अच्छा है कि ये सिलसिला यही खत्म कर दे तो ही अच्छा रहेगा हम दोनों के लिए पर लकी मानने को तैयार नही था वो बोल रहा था कि आगे जो होगा वो बाद कि बात है तुम अभी की बात करो बाद कि बाद में देखेंगे । छाया ने कहा कि बाद में मुझे कोई दोष मत देना उसने कहा ठीक है । अब दोनों के बीच प्यार का सिलसिला शुरू हो गया ओर 2 साल बाद कुछ ऐसा हुआ कि जिसकी कल्पना कभी लकी ने की नही थी ।।
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