बहुत दुःख होता है ये जान कर की राजीव दीक्षित जी ने अपना पूरा जीवन देश सेवा और देश को जागरूक करने के लिए लगा दिया पर बहुत से लोगो को उनके बारे में आज भी पता नही है कि राजीव दीक्षित को थे
एक दिन किसी विषय पर चर्चा के मध्य जब मेरे द्वारा श्री राजीव दीक्षित जी की चर्चा की गई तो ऐसा लगा कि उनके संदर्भ में कुछ भ्रांतियां हैं, और न ही आम आदमी को कोई विशेष जानकारी है। ये जानकर दुःख हुआ कि जिस व्यक्ति ने अपनी उच्च शिक्षा, अपना करियर, सब कुछ अपने देश के लिए न्यौछावर कर दिया, उनके प्रति इतनी उपेक्षा? यही सोचकर उनकी जन्मतिथि व पुण्य तिथि 30 नवम्बर के लिये कुछ जानकारी साझा कर रहा हूँ
जन्म-मृत्यु एक तिथि को ही होना क्या विचित्र संयोग है। श्री राधे श्याम जी एवं श्रीमती मिथलेश जी के ज्येष्ठ पुत्र राजीव दीक्षित जी के जीवन का ऐसा ही संयोग रहा। पुत्र के जन्म पर परिवार में जिस दिन खुशियाँ मनाई जाती रही होंगी, वही दिन इतनी छोटी सी आयु में ही उनकी पुण्य तिथि बन जाएगा, ऐसा कभी किसी ने विचार भी नहीं किया होगा। 30 नवम्बर 1967 को अलीगढ में अतरोली तहसील स्थित ग्राम नाह में जन्मे राजीव जी पर परिवार के संस्कारों का पूर्ण प्रभाव था. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार में जन्मे राजीव जी महान क्रांतिकारी भगत सिंह, उधम सिंह जी, आज़ाद, बिस्मिल तथा अन्य क्रांतिकारियों के विचारों से अत्यधिक प्रभावित थे।
ग्रामीण पाठशाला में प्राम्भिक शिक्षा प्राप्त कर फिरोजाबाद से १२ वी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हुए राजीव जी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी. टेक. तथा I.I.T. कानपुर से एम्. टेक. का सम्मान प्राप्त कर ये सुनिश्चित किया कि उच्च शिक्षा में भी ग्रामीण परिवेश के मेधावी विद्यार्थी भी किसी भी शिखर पर पहुँचने में सफल हो सकते हैं, और मेधा किसी परिवेश विशेष की मोहताज नहीं होती। अपने पिता के स्वप्नों को साकार करने के लिए आपने अपनी शिक्षा-दीक्षा के अनुरूप C.S.I.R. तथा फ़्रांस टेलीकम्युनिकेशन सेंटर में कार्य किया। देश के महान राष्ट्रपति तथा मिसाईल पुरुष के नाम से प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम जी के साथ कार्य करते हुए देश सेवा वैज्ञानिक के रूप में भी की परन्तु उन्होंने जनता को जागरूक कर देश की समस्याओं को दूर करने तथा स्वदेशी की अलख जगाने का निश्चय किया। ये जूनून उनके ह्रदय में अत्यधिक प्रबल था।
1984 में भोपाल गैस कांड का दारुण दुःख जनता को झेलना पड़ा और सरकार द्वारा दोषियों के विरुद्ध कड़ी न तो ठोस कार्यवाही की गई और न ही पीड़ितों के प्रति कोई विशेष संवेदनशील व्यवहार रहा, इस घटना से उनका आक्रोश बहुत बढ़ा और राजीव जी ने प्राणपण से पीड़ितों की सेवा के लिए कार्य किया.. वर्धा में रहते हुए आपने इतिहास के प्रकांड पंडित तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति के यथार्थ से देश दुनिया को परिचित करने का निश्चय लिए हुए धर्मपाल जी के सानिध्य में बहुत कार्य किया और इसी कार्य को अपना मिशन बनाया।
सादगी की प्रतिमूर्ति, तथा अपरिग्रही राजीव जी मात्र दो जोड़ी खादी वस्त्र में ही अपने मिशन स्वदेशी का प्रचार प्रसार तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति के प्रति देश की जनता को परिचित कराने के लिए भ्रमण करते रहे। स्वावलंबन के समर्थक वह अपने समस्त कार्य स्वयं करते थे। होमियोपैथी के चिकित्सक होने के साथ-साथ उनको स्वदेशी पद्धति आयुर्वेद का भी ज्ञान था। भाई राजीव जी ने मात्र 43 वर्ष की आयु में ही बहुत से ऐसे कार्य किये जो उनको सबका चहेता बनाते हैं, इनमें प्रमुख कार्य हैं :-
♣ 1991 में डंकल प्रस्तावों के खिलाफ घूम घूम कर जन जाग्रति की और रेलियाँ निकाली ।
♣ 1991-92 में राजस्थान के अलवर जिले में केडिया कंपनी के शराब कारखानों को बंद करवाने में भूमिका निभाई ।
♣ 1995-96 में टिहरी बाँध के खिलाफ ऐतिहासिक मोर्चा और संघर्ष किया जहाँ भयंकर लाठीचार्ज में काफी चोटें आई। टिहरी पुलिस ने तो राजीव भाई को मारने की योजना भी बना ली थी ।
♣ 1987 में सेवाग्राम आश्रम, वर्धा में प्रसिद्ध गाँधीवादी, इतिहासकार श्री धर्मपाल जी के सानिध्य में अंग्रेजो के समय के ऐतिहासिक दस्तावेजों का अध्ययन करके देश को जागृत करने का काम किया ।
♣ उन्होंने भारतीयों के सहस्त्र वर्षों की मानसिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक गुलामी के कारण भारतीयों में व्याप्त आत्महीनता की भावना को दूर करने और उनमें दोबारा आत्म-गौरव की जागृति के लिए, सनातन भारतीय संस्कृति को विदेशी दुष्प्रभाव व देश को विदेशी कंपनियों की लूट से बचाने के लिए "स्वदेशी बचाओ आन्दोलन" को प्रारंभ किया। साथ ही उन्होंने देश में स्वदेशी जनरल स्टोरों की श्रंखला खोलने पर भी जोर दिया जहाँ केवल भारतीय वस्तुओं की ही बिक्री की जाएगी।
♣ देश में सबसे पहली स्वदेशी-विदेशी सूची की सूची तैयार करके स्वदेशी अपनाने पर बल दिया।
♣ वह प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने जनता को स्विस बैंकों मे जमा भारतीय काले धन के बारे में बताया और उसे वापस लाने का मार्ग भी बताया।
राजीव दीक्षित ने हमे बहुत कुछ और भी बताया है मगर मेरा आपसे ये अनुरोध है कि लोगो को ज्यादा से ज्यादा राजीव दीक्षित जी के बारे में बताए ओर लोगो को जागरूक करे यही देश सेवा है
धन्यवाद
ग्रामीण पाठशाला में प्राम्भिक शिक्षा प्राप्त कर फिरोजाबाद से १२ वी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हुए राजीव जी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी. टेक. तथा I.I.T. कानपुर से एम्. टेक. का सम्मान प्राप्त कर ये सुनिश्चित किया कि उच्च शिक्षा में भी ग्रामीण परिवेश के मेधावी विद्यार्थी भी किसी भी शिखर पर पहुँचने में सफल हो सकते हैं, और मेधा किसी परिवेश विशेष की मोहताज नहीं होती। अपने पिता के स्वप्नों को साकार करने के लिए आपने अपनी शिक्षा-दीक्षा के अनुरूप C.S.I.R. तथा फ़्रांस टेलीकम्युनिकेशन सेंटर में कार्य किया। देश के महान राष्ट्रपति तथा मिसाईल पुरुष के नाम से प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम जी के साथ कार्य करते हुए देश सेवा वैज्ञानिक के रूप में भी की परन्तु उन्होंने जनता को जागरूक कर देश की समस्याओं को दूर करने तथा स्वदेशी की अलख जगाने का निश्चय किया। ये जूनून उनके ह्रदय में अत्यधिक प्रबल था।
1984 में भोपाल गैस कांड का दारुण दुःख जनता को झेलना पड़ा और सरकार द्वारा दोषियों के विरुद्ध कड़ी न तो ठोस कार्यवाही की गई और न ही पीड़ितों के प्रति कोई विशेष संवेदनशील व्यवहार रहा, इस घटना से उनका आक्रोश बहुत बढ़ा और राजीव जी ने प्राणपण से पीड़ितों की सेवा के लिए कार्य किया.. वर्धा में रहते हुए आपने इतिहास के प्रकांड पंडित तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति के यथार्थ से देश दुनिया को परिचित करने का निश्चय लिए हुए धर्मपाल जी के सानिध्य में बहुत कार्य किया और इसी कार्य को अपना मिशन बनाया।
सादगी की प्रतिमूर्ति, तथा अपरिग्रही राजीव जी मात्र दो जोड़ी खादी वस्त्र में ही अपने मिशन स्वदेशी का प्रचार प्रसार तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति के प्रति देश की जनता को परिचित कराने के लिए भ्रमण करते रहे। स्वावलंबन के समर्थक वह अपने समस्त कार्य स्वयं करते थे। होमियोपैथी के चिकित्सक होने के साथ-साथ उनको स्वदेशी पद्धति आयुर्वेद का भी ज्ञान था। भाई राजीव जी ने मात्र 43 वर्ष की आयु में ही बहुत से ऐसे कार्य किये जो उनको सबका चहेता बनाते हैं, इनमें प्रमुख कार्य हैं :-
♣ 1991 में डंकल प्रस्तावों के खिलाफ घूम घूम कर जन जाग्रति की और रेलियाँ निकाली ।
♣ 1991-92 में राजस्थान के अलवर जिले में केडिया कंपनी के शराब कारखानों को बंद करवाने में भूमिका निभाई ।
♣ 1995-96 में टिहरी बाँध के खिलाफ ऐतिहासिक मोर्चा और संघर्ष किया जहाँ भयंकर लाठीचार्ज में काफी चोटें आई। टिहरी पुलिस ने तो राजीव भाई को मारने की योजना भी बना ली थी ।
♣ 1987 में सेवाग्राम आश्रम, वर्धा में प्रसिद्ध गाँधीवादी, इतिहासकार श्री धर्मपाल जी के सानिध्य में अंग्रेजो के समय के ऐतिहासिक दस्तावेजों का अध्ययन करके देश को जागृत करने का काम किया ।
♣ उन्होंने भारतीयों के सहस्त्र वर्षों की मानसिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक गुलामी के कारण भारतीयों में व्याप्त आत्महीनता की भावना को दूर करने और उनमें दोबारा आत्म-गौरव की जागृति के लिए, सनातन भारतीय संस्कृति को विदेशी दुष्प्रभाव व देश को विदेशी कंपनियों की लूट से बचाने के लिए "स्वदेशी बचाओ आन्दोलन" को प्रारंभ किया। साथ ही उन्होंने देश में स्वदेशी जनरल स्टोरों की श्रंखला खोलने पर भी जोर दिया जहाँ केवल भारतीय वस्तुओं की ही बिक्री की जाएगी।
♣ देश में सबसे पहली स्वदेशी-विदेशी सूची की सूची तैयार करके स्वदेशी अपनाने पर बल दिया।
♣ वह प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने जनता को स्विस बैंकों मे जमा भारतीय काले धन के बारे में बताया और उसे वापस लाने का मार्ग भी बताया।
राजीव दीक्षित ने हमे बहुत कुछ और भी बताया है मगर मेरा आपसे ये अनुरोध है कि लोगो को ज्यादा से ज्यादा राजीव दीक्षित जी के बारे में बताए ओर लोगो को जागरूक करे यही देश सेवा है
धन्यवाद
Kk Rajput
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