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नवंबर, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बहुत दुःख होता है ये जान कर की राजीव दीक्षित जी ने अपना पूरा जीवन देश सेवा और देश को जागरूक करने के लिए लगा दिया पर बहुत से लोगो को उनके बारे में आज भी पता नही है कि राजीव दीक्षित को थे

एक दिन किसी विषय पर चर्चा के मध्य जब मेरे द्वारा श्री राजीव दीक्षित जी की चर्चा की गई तो ऐसा लगा कि उनके संदर्भ में कुछ भ्रांतियां हैं, और न ही आम आदमी को कोई विशेष जानकारी है। ये जानकर दुःख हुआ कि जिस व्यक्ति ने अपनी उच्च शिक्षा, अपना करियर, सब कुछ अपने देश के लिए न्यौछावर कर दिया, उनके प्रति इतनी उपेक्षा? यही सोचकर उनकी जन्मतिथि व  पुण्य तिथि 30 नवम्बर के लिये कुछ जानकारी साझा कर रहा हूँ जन्म-मृत्यु एक तिथि को ही होना क्या विचित्र संयोग है। श्री राधे श्याम जी एवं श्रीमती मिथलेश जी के ज्येष्ठ पुत्र राजीव दीक्षित जी के जीवन का ऐसा ही संयोग रहा। पुत्र के जन्म पर परिवार में जिस दिन  खुशियाँ मनाई जाती रही होंगी, वही दिन इतनी छोटी सी आयु में ही उनकी पुण्य तिथि बन जाएगा, ऐसा कभी किसी ने विचार भी नहीं किया होगा। 30 नवम्बर 1967 को अलीगढ में अतरोली तहसील स्थित ग्राम नाह में जन्मे राजीव जी पर परिवार के संस्कारों का पूर्ण प्रभाव था. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार में जन्मे राजीव जी महान क्रांतिकारी भगत सिंह, उधम सिंह जी, आज़ाद, बिस्मिल तथा अन्य क्रांतिकारियों के विचारों से अत्यधिक प्र

WTO /GATT -Aggriment Indian government {GATTहै क्या है पहले तो ये जाने ओर क्यों भारत में लागू हुआ ओर किस हालत में }

  WTO {GATT}  आइये जानते है क्या है  GATT   ● G - GENERAL {साधारण} A - AGGRIMENT {समझौता} T -  ON TRADE {व्यपार} T - On Tarife {टेक्स}   दुनिया  के 23 देशो ने इसे मिल कर शुुरू किया था भारत भी इनमे एक था 1947 को भारत आजाद हुआ '1948 से GATT शुरू हुआ ;   gatt को शुरू करवानेे में भारत एक महत्वपूर्ण  देेश  था                                                                                                                         1945 में दूसरा  विस्व युद्ध।  खत्म हुआ था ओर 1939 में शुरू  हुआ था  दूसरे विस्व  युद्ध के        दौरान  आमतौर  देेशो की अर्धव्यवस्था  समाप्त हो   हो गई  थी  तो अमीर देशो की गिनती में उस समय .>   ब्रिटेन सबसे ऊपर थ  उसके नजदीक  >>>>>> फ्रांस ,जर्मनी ,स्पेन, पुर्तगाल, अमेरिका ,कनाडा,               आदि देश आते थे     दूसरे विस्व युद्ध में अगर किसी देश को फायदा हुआ था तो वह था अमेरिका  क्योकि दूसरा विस्व युद्ध अमेरिका की जमीन पर नही लड़ा गया था  दूसरे विस्व युद्ध में जो लड़ाई का स्थान था वो था  यूरोप   ओर यूरोप में भी केंद्रीय यू

True love story blog 2{सच्ची प्यार की दास्तान ब्लॉग 2} must read

 दोस्तों आप ने मेरा पहला ब्लॉग पड़ा होगा तो आप को समझ आसानी से आ जायेगा कि आप किसके प्यार की  कहानी पड़ रहे हो अगर आप ने पहला ब्लॉग नही पड़ा होगा तो आप को कहानी को समझने में समस्या आएगी और न ही पड़ने का मजा आएगा ।तो आप से अनुरोध है की अगर नह पड़ी है तो पहले मेरा पहला ब्लॉग पड़ ले।  इस पर क्लिक करे https://kabu235.blogspot.in/2017/11/true-love-story-must-read-9.htm https://kabu235.blogspot.in/2017/11/true-love-story-must-read-9.html l/  तो दोस्तों आप जानते ही है कैसे लकी ओर छाया के बीच मे प्यार की डोर बंधी  । दोनों काफी खुश थे  और बस दिल मे एक ही उमंग रहती थी दोनों के की ज्यादा से ज्यादा समय साथ बिताया जाए  स्कूल  शुरू होता था 10 बजे तो हाल कुछ ऐसा था लकी का की वो 9 बजे ही स्कूल में पहुंच जाता था  और सबसे रोचक बात यह थी कि लकी का घर स्कूल के पास में ही था बड़ी मुश्किल से 5 मिनट लगते थे स्कूल का रास्ता तय करने को  ओर लकी सबसे पहले स्कूल पंहुचता था । घरवाले भी परेशान थे कि यह इतनी जल्दी क्यों चले जाता है स्कूल को  । लकी के गाँव वाले  जब स्कूल जाने की तैयारी करते थे तो लकी को गए 45 मिनट हो

True love story must read सच्ची प्यार की दास्तान जरूर पड़े 9वी क्लास का प्यार

9वी क्लास में था जब हुआ पहला प्यार      Story शुरू होती है एक स्कूल से  लड़के का नाम लकी था वह बहुत ही खुशमिजाज ओर शरारती लड़का था अपनी क्लास का उसके 4 दोस्त थे जिनके साथ वो हमेशा खुश रहता था और खूब मस्ती करता था ऐसा ही चल रहा था सब रोज स्कूल आना पड़ना ओर मस्ती कर के चले जाना ।   सब कुछ बहुत ही अच्छा चल रहा था ।फिर एक दिन हमारी कलास में एक न्यू लड़की का एडमिशन हुआ जिसका नाम खुशी था खुशी  अपने नाना नानी के घर में  रहने आई  थी ओर वही से हमारे स्कूल में  पड़ने आने लगी थी  खुशी के  मामा की लड़की भी हमारी क्लास में पड़ती थी  जिसका नाम छाया था तो दोनों  एक साथ ही क्लास में बैठती थी ।कुछ समय बीत जाने के बाद अब लकी के एक दोस्त  जिसका नाम प्रिन्स था उसको खुशी  से प्यार  हो गया  और खुशी भी  प्रिन्स को चाहने लगी थी और दोनों ने प्यार का इजहार कर लिया और  अब जब भी समय मिलता तो प्रिन्स ओर खुशी एक साथ कहि बेठ कर बाते करते थे और स्कूल में किसी ओर को शक न हो तो प्रिन्स लकी को अपने साथ ले आता था और खुशी छाया को  । ये दोनों तो आपसी बातो में खोए रहते थे  छाया ओर लकी भी एक साइड बैठे रहते थे । आहिस्ता आहिस्