दोस्तों आप ने मेरा पहला ब्लॉग पड़ा होगा तो आप को समझ आसानी से आ जायेगा कि आप किसके प्यार की कहानी पड़ रहे हो अगर आप ने पहला ब्लॉग नही पड़ा होगा तो आप को कहानी को समझने में समस्या आएगी और न ही पड़ने का मजा आएगा ।तो आप से अनुरोध है की अगर नह पड़ी है तो पहले मेरा पहला ब्लॉग पड़ ले।
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तो दोस्तों आप जानते ही है कैसे लकी ओर छाया के बीच मे प्यार की डोर बंधी । दोनों काफी खुश थे और बस दिल मे एक ही उमंग रहती थी दोनों के की ज्यादा से ज्यादा समय साथ बिताया जाए स्कूल शुरू होता था 10 बजे तो हाल कुछ ऐसा था लकी का की वो 9 बजे ही स्कूल में पहुंच जाता था और सबसे रोचक बात यह थी कि लकी का घर स्कूल के पास में ही था बड़ी मुश्किल से 5 मिनट लगते थे स्कूल का रास्ता तय करने को ओर लकी सबसे पहले स्कूल पंहुचता था । घरवाले भी परेशान थे कि यह इतनी जल्दी क्यों चले जाता है स्कूल को ।
लकी के गाँव वाले जब स्कूल जाने की तैयारी करते थे तो लकी को गए 45 मिनट हो गए होते थे । ओर प्रिन्स भाई की तो बात ही निराली थी प्रिन्स का घर स्कूल से लगभग 40 मिनट की दूरी पर था वो सुबह 8 बजे ही निकल लेते थे स्कूल को ओर दोनों स्कूल में बैठ कर छाया ओर खुशी के आने का इंतजार करते ये पल जो थे न मुझे लगता है कि उनकी जिंदगी के सबसे सुनहरे पल थे ओर जब स्कूल में छुट्टी होती 4 बजे तो लकी ओर प्रिन्स छाया ओर खुशी के साथ उनके घर के आधे रास्ते तक जाते थे छोड़ने के लिए ओर फिर वापिस अपने अपने घर को जाते थे और घर पहुँचते थे सबसे लेट 6 बजे तक का टाइम फिक्स होता था घर पहुचने का स्कूल की पढाई में अब लकी का मन बहुत कम लगने लगा था । और यही हाल प्रिन्स ओर खुशी का था एग्ज़ाम सर पर आ गए 9वी क्लास में तो भगवान की दया से चारो पास हो गए थे
जब भी कभी छाया के गाँव मे कोई शादी या कोई फंक्शन होता तो लकी उसके गाव में पहुंच जाता
पर छाया हमेशा ये बात बोलती रहती थी कि हमारी मंजिल कभी एक नही हो सकती है क्यों न हम अपने अपने रास्ते अलग कर ले ये हमारे लिए अच्छा रहेगा।
शायद लकी उसकी इस बात को ज्यादा गम्भीरता से नही ले पाया कि आखिर ये हर बार ऐसा ही क्यों बोलती है जब भी छाया ये बात बोलती तो लकी का जवाब होता था कि अभी जो चल रहा है उसको चलने दो । बाद कि बाद में देखेंगे क्या होगा ।
लकी के मन मे ये था कि जेसे जेसे समय बीतेगा उन दोनों का रिश्ता गहरा होता जाएगा ओर बाद में कोई समस्या नही आएगी लकी हमेशा यही सोचता था इस लिए वो छाया की इस बात को गम्भीरता से नही लेता था । दोनों के बीच काफी प्यार था लकी जहां भी बोलता था छाया को वो मिलने चली आती थी ।
कुछ दिन बाद खुशी की बहन की शादी थी और खुशी ने सबको बुला रखा था शादी में लकी ओर प्रिन्स भी शादी वाले दिन खुशी के घर पहुंच गए छाया तो पहले से शादी में थी । शादी में सब व्यस्त थे और खुशी ने लकी ओर प्रिन्स का रहने के लिए एक कमरा दे दिया था । वो दोनों रूम में बैठ गए इतने में छाया को पता चल गया कि लकी पहुंच गया है तो वो झट से उस कमरे में पहुंच गई जहां लकी ठहरा हुआ था । ओर काफी खुश थी उसे वहां देख कर इतने में प्रिन्स रूम से चला गया और लकी ओर छाया अब कमरे में अकेले थे । दोनों के बीच काफी देर तक बात चीत हुई और एक दूसरे की आंखों में खोए रहे । जो स्पर्स दिल तक पहुचता है उसकी तो बात ही निराली होती थी
शादी खत्म होने के बाद वही स्कूल की लाइफ थी एग्जाम सर पर थे देखते देखते एग्जाम भी हो गए और रिजल्ट आया तो देखा कि लकी पास हो गया है ओर छाया भी पास हो गई है प्रिन्स भी पर खुशी फेल हो गई थी और उसने स्कूल छोड़ दिया था छाया अब 11 में थी और लकी भी दोनों का मिलना जुलना लगा रहता था पर अब थोड़े समय से लकी देख रहा है कि छाया उस से कुछ दूरियां सी बनाने लगी थी
पता नही क्या चल रहा था उसके दिलो दिमाग मे
लकी जब उस से पूछता की कोई समस्या है क्या तुम आजकल थोड़ी बदली बदली सी लग रही हो तो वो कुछ नही है ऐसा ये बोल देती थी शायद उसने अब लकी से रिश्ता खत्म करने की सोच ली थी क्योंकि वह अछि तरह जानती थी कि अगर भविष्य में उसे लकी के साथ जीवन बिताना है तो उसको अपने घर वालो की मर्जी के खिलाफ जाना पड़ेगा । पता नही क्यों वो ऐसा सोचती थी ।कि उसके घरवालों को ये रिश्ता कभी मंजूर नही होगा
ओर आखिर एक दिन ऐसा आ गया कि उसने पूरा मन बना लिया कि अब रिश्ता खत्म करना है उसके गाव में शादी थी ओर छाया ने लकी को बुला रखा था कि तुम जरूर शादी में आ जाना तुमसे जरूरी बात करनी है लकी भी पहुंच गया अब जैसे ही मोका मिला छाया को मिलने का तो वो जल्दी जल्दी में आई और गले लगी काफी जोर से उसने लकी को अपनी बाहों में ले लिया और उसकी आंख से आँसू निकलने लगे जब लकी ने पूछा क्या हुआ अचानक तुम्हारी आंख से आँसू तो उसने आहिस्ते से बोला तुम मुझे भूल जाओ में नही चाहती कि अब हम दोनों के बीच मे कुछ रिश्ता रहे लकी ने जवाब दिया क्यों ऐसा मजाक कर रही हो तुम वो बोली ये मजाक नही है हकीकत है । लकी उसको समझा रहा था कि तुमने अकेले कैसे फैसला कर लिया कि अब हम अलग हो जाएंगे ये कोई मजाक नही है ये मेरी जिंदगी का सवाल है तुम्हे पता हैं कि में तुम्हे कितना प्यार करता हु ओर तुम्हारे बिना एक पल नही रह सकता और तुम तो हमेशा के लिए मुझे अपने से दूर कर रही हो । छाया ने उसकी एक नही सुनी और लास्ट में कहा अगर तुम्हारे दिल मे मेरी लिए थोड़ा सा भी प्यार है तो आज के बाद तुम मुझ से क़भी बात नही करोगे ओर न ही । कोई ऐसा काम करोगे की जिस से तुम्हारी वजह से मेरी पढ़ाई और मेर जीवन मे कभी कोई समस्या आये इतना कह कर उसने छोड़ दिया अपनी बाहों से ओर एक बार भी नज़रे उठा कर नही देखा और वापिस चली गई लकी के पैर के नीचे से जैसे मानो जमीन ही निकल गई हो वो घुटनो के बल गिर गया और उसकी आँखों से आसुओ की बारिश होने लगी एक पल में ही सब कुछ तोड़ के चली गई उसे यकिन नही हो रहा था कि छाया ऐसा बोल सकती है । बड़ी मुश्किल से अपने आप को संभाला और जैसे तैसे वो अपने घर पहुंचा । 2 दिन के बाद फिर स्कूल जाने लगा लकी पर जब भी छाया की तरफ देखता तो वो उसे ऐसे इग्नोर करती थी कि मानो वो कभी एक दूसरे को जानते नही हो । अंजाम ये हुआ कि लकी का पढाई में कोई धियान ही नही रहा ।उसके दिमाग मे बस ये बात घर कर गई थी कि छाया ने उसे छोड़ दिया है । एग्जाम नजदीक आ रहे थे पर कोई फिक्र ही नही था लकी को ।छाया ने जब उसकी ऐसी हालत देखी और अपनी एक सहेली को बोला कि लकी को समझाए की एग्जाम की तैयारी अछि तरह से कर लो क्यों अपनी लाइफ के साथ खिलवाड़ कर रहे हो अगर फेल हो गए तो पूरा साल बर्बाद हो जाएगा । पर अब लकी को ये बाते समझ नही आती थी । वो इतना टूट चुका था कि । उसे कुछ भी समझ मे नही आ रहा था क्या सही है क्या गलत । रिजल्ट ये निकला के 11वी में वो फेल हो गया और उसके बाद उसने स्कूल जाना छोड़ दिया छाया अछे नम्बरो से पास हो गई । ओर लकी ने प्यार के चकर में अपनी पढ़ाई और अपने भविष्य का मजाक बना दिया ।
ये थी लकी की दास्तान
दोस्तों में लास्ट में बस इतना कहना चाहता हु की स्कूल टाइम में प्यार के चक्रो में मत पड़ो क्योंकि इस उम्र में सिर्फ पढाई में धियान देना चाहिए क्योंकि आपके सामने जो पूरा जीवन पड़ा है उसकी तरफ धियान देना चाहिए क्योंकि हमारे माता पिता ने भी हम से काफी उम्मीदें लगाई होती हम अपने प्यार और स्वार्थ में अपने घरवालों की खुशी का ध्यान नही रखते ओर न ही ये देखते है कि वो हमें किस तरह से खर्चा दे रहे है ।
धन्यवाद
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के के राजपूत
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लकी के गाँव वाले जब स्कूल जाने की तैयारी करते थे तो लकी को गए 45 मिनट हो गए होते थे । ओर प्रिन्स भाई की तो बात ही निराली थी प्रिन्स का घर स्कूल से लगभग 40 मिनट की दूरी पर था वो सुबह 8 बजे ही निकल लेते थे स्कूल को ओर दोनों स्कूल में बैठ कर छाया ओर खुशी के आने का इंतजार करते ये पल जो थे न मुझे लगता है कि उनकी जिंदगी के सबसे सुनहरे पल थे ओर जब स्कूल में छुट्टी होती 4 बजे तो लकी ओर प्रिन्स छाया ओर खुशी के साथ उनके घर के आधे रास्ते तक जाते थे छोड़ने के लिए ओर फिर वापिस अपने अपने घर को जाते थे और घर पहुँचते थे सबसे लेट 6 बजे तक का टाइम फिक्स होता था घर पहुचने का स्कूल की पढाई में अब लकी का मन बहुत कम लगने लगा था । और यही हाल प्रिन्स ओर खुशी का था एग्ज़ाम सर पर आ गए 9वी क्लास में तो भगवान की दया से चारो पास हो गए थे
जब भी कभी छाया के गाँव मे कोई शादी या कोई फंक्शन होता तो लकी उसके गाव में पहुंच जाता
पर छाया हमेशा ये बात बोलती रहती थी कि हमारी मंजिल कभी एक नही हो सकती है क्यों न हम अपने अपने रास्ते अलग कर ले ये हमारे लिए अच्छा रहेगा।
शायद लकी उसकी इस बात को ज्यादा गम्भीरता से नही ले पाया कि आखिर ये हर बार ऐसा ही क्यों बोलती है जब भी छाया ये बात बोलती तो लकी का जवाब होता था कि अभी जो चल रहा है उसको चलने दो । बाद कि बाद में देखेंगे क्या होगा ।
लकी के मन मे ये था कि जेसे जेसे समय बीतेगा उन दोनों का रिश्ता गहरा होता जाएगा ओर बाद में कोई समस्या नही आएगी लकी हमेशा यही सोचता था इस लिए वो छाया की इस बात को गम्भीरता से नही लेता था । दोनों के बीच काफी प्यार था लकी जहां भी बोलता था छाया को वो मिलने चली आती थी ।
कुछ दिन बाद खुशी की बहन की शादी थी और खुशी ने सबको बुला रखा था शादी में लकी ओर प्रिन्स भी शादी वाले दिन खुशी के घर पहुंच गए छाया तो पहले से शादी में थी । शादी में सब व्यस्त थे और खुशी ने लकी ओर प्रिन्स का रहने के लिए एक कमरा दे दिया था । वो दोनों रूम में बैठ गए इतने में छाया को पता चल गया कि लकी पहुंच गया है तो वो झट से उस कमरे में पहुंच गई जहां लकी ठहरा हुआ था । ओर काफी खुश थी उसे वहां देख कर इतने में प्रिन्स रूम से चला गया और लकी ओर छाया अब कमरे में अकेले थे । दोनों के बीच काफी देर तक बात चीत हुई और एक दूसरे की आंखों में खोए रहे । जो स्पर्स दिल तक पहुचता है उसकी तो बात ही निराली होती थी
शादी खत्म होने के बाद वही स्कूल की लाइफ थी एग्जाम सर पर थे देखते देखते एग्जाम भी हो गए और रिजल्ट आया तो देखा कि लकी पास हो गया है ओर छाया भी पास हो गई है प्रिन्स भी पर खुशी फेल हो गई थी और उसने स्कूल छोड़ दिया था छाया अब 11 में थी और लकी भी दोनों का मिलना जुलना लगा रहता था पर अब थोड़े समय से लकी देख रहा है कि छाया उस से कुछ दूरियां सी बनाने लगी थी
पता नही क्या चल रहा था उसके दिलो दिमाग मे
लकी जब उस से पूछता की कोई समस्या है क्या तुम आजकल थोड़ी बदली बदली सी लग रही हो तो वो कुछ नही है ऐसा ये बोल देती थी शायद उसने अब लकी से रिश्ता खत्म करने की सोच ली थी क्योंकि वह अछि तरह जानती थी कि अगर भविष्य में उसे लकी के साथ जीवन बिताना है तो उसको अपने घर वालो की मर्जी के खिलाफ जाना पड़ेगा । पता नही क्यों वो ऐसा सोचती थी ।कि उसके घरवालों को ये रिश्ता कभी मंजूर नही होगा
ओर आखिर एक दिन ऐसा आ गया कि उसने पूरा मन बना लिया कि अब रिश्ता खत्म करना है उसके गाव में शादी थी ओर छाया ने लकी को बुला रखा था कि तुम जरूर शादी में आ जाना तुमसे जरूरी बात करनी है लकी भी पहुंच गया अब जैसे ही मोका मिला छाया को मिलने का तो वो जल्दी जल्दी में आई और गले लगी काफी जोर से उसने लकी को अपनी बाहों में ले लिया और उसकी आंख से आँसू निकलने लगे जब लकी ने पूछा क्या हुआ अचानक तुम्हारी आंख से आँसू तो उसने आहिस्ते से बोला तुम मुझे भूल जाओ में नही चाहती कि अब हम दोनों के बीच मे कुछ रिश्ता रहे लकी ने जवाब दिया क्यों ऐसा मजाक कर रही हो तुम वो बोली ये मजाक नही है हकीकत है । लकी उसको समझा रहा था कि तुमने अकेले कैसे फैसला कर लिया कि अब हम अलग हो जाएंगे ये कोई मजाक नही है ये मेरी जिंदगी का सवाल है तुम्हे पता हैं कि में तुम्हे कितना प्यार करता हु ओर तुम्हारे बिना एक पल नही रह सकता और तुम तो हमेशा के लिए मुझे अपने से दूर कर रही हो । छाया ने उसकी एक नही सुनी और लास्ट में कहा अगर तुम्हारे दिल मे मेरी लिए थोड़ा सा भी प्यार है तो आज के बाद तुम मुझ से क़भी बात नही करोगे ओर न ही । कोई ऐसा काम करोगे की जिस से तुम्हारी वजह से मेरी पढ़ाई और मेर जीवन मे कभी कोई समस्या आये इतना कह कर उसने छोड़ दिया अपनी बाहों से ओर एक बार भी नज़रे उठा कर नही देखा और वापिस चली गई लकी के पैर के नीचे से जैसे मानो जमीन ही निकल गई हो वो घुटनो के बल गिर गया और उसकी आँखों से आसुओ की बारिश होने लगी एक पल में ही सब कुछ तोड़ के चली गई उसे यकिन नही हो रहा था कि छाया ऐसा बोल सकती है । बड़ी मुश्किल से अपने आप को संभाला और जैसे तैसे वो अपने घर पहुंचा । 2 दिन के बाद फिर स्कूल जाने लगा लकी पर जब भी छाया की तरफ देखता तो वो उसे ऐसे इग्नोर करती थी कि मानो वो कभी एक दूसरे को जानते नही हो । अंजाम ये हुआ कि लकी का पढाई में कोई धियान ही नही रहा ।उसके दिमाग मे बस ये बात घर कर गई थी कि छाया ने उसे छोड़ दिया है । एग्जाम नजदीक आ रहे थे पर कोई फिक्र ही नही था लकी को ।छाया ने जब उसकी ऐसी हालत देखी और अपनी एक सहेली को बोला कि लकी को समझाए की एग्जाम की तैयारी अछि तरह से कर लो क्यों अपनी लाइफ के साथ खिलवाड़ कर रहे हो अगर फेल हो गए तो पूरा साल बर्बाद हो जाएगा । पर अब लकी को ये बाते समझ नही आती थी । वो इतना टूट चुका था कि । उसे कुछ भी समझ मे नही आ रहा था क्या सही है क्या गलत । रिजल्ट ये निकला के 11वी में वो फेल हो गया और उसके बाद उसने स्कूल जाना छोड़ दिया छाया अछे नम्बरो से पास हो गई । ओर लकी ने प्यार के चकर में अपनी पढ़ाई और अपने भविष्य का मजाक बना दिया ।
ये थी लकी की दास्तान
दोस्तों में लास्ट में बस इतना कहना चाहता हु की स्कूल टाइम में प्यार के चक्रो में मत पड़ो क्योंकि इस उम्र में सिर्फ पढाई में धियान देना चाहिए क्योंकि आपके सामने जो पूरा जीवन पड़ा है उसकी तरफ धियान देना चाहिए क्योंकि हमारे माता पिता ने भी हम से काफी उम्मीदें लगाई होती हम अपने प्यार और स्वार्थ में अपने घरवालों की खुशी का ध्यान नही रखते ओर न ही ये देखते है कि वो हमें किस तरह से खर्चा दे रहे है ।
धन्यवाद
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के के राजपूत
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