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जातिवाद पर होने वाले दंगो के मूल कारण

दोस्तो
           6 जनवरी 2018 की यह बात है   मेरी बातचीत  अरुण कुमार  यादव  जो कि बिहार के रहने  वाले है उन से इस विषय पर चर्चा हो रही थी   की लालू प्रसाद यादव ने जो घोटाला किया है उस पर आपके क्या विचार है ओर वो कैसा नेता है

अब इस बात पर में आगे लिखू उस से पहले में आपको अरुण कुमार यादव के बारे में कुछ बात बताऊंगा जिसे आप ध्यान में रखे । तो आप इस चर्चा को आसानी से समझ पाएगे  
  

अरुण कुमार यादव  हरियाणा  गुरुग्राम में एक कंपनी में  में काम करता है ओर वो कंपनी इस को iti भी करवा रही है और 3 साल  में वो अपनी iti पूरी कर लेगा ओर साथ मे कुछ पैसे भी कमा लेगा  
तो अब हम दोनों के बीच जो बातचीत हो रही है   वो इस प्रकार से शुरू हो गई  मैन तर्क दिया के लालू प्रसाद यादव ने जो चारा घोटाला किया हैं उस से ये पता चलता है कि वो कितना भ्रष्टाचारी नेता हैं 

तो उस बात पर अरुण कुमार यादव जी जो तर्क दे रहे है  जिसे सुन कर में दंग रह गया और  उसके जवाब ने मेरे अंदर जो  सवाल पैदा कर दिए जिन्हें में लिखे बिना रह नही पाया  

तो अरुण यादव जी बोल रहे है कि सभी नेता  घोटाला करते है   लालू प्रसाद यादव ने कर दिया तो इसमें क्या बुराई है लालू एक अच्छा नेता है  और लालू भी यादव है ओर हम भी यादव है

इस बात को सुन कर मैने कहा कि भाई इसमें यादव वाली कोन सी बात है हम सब हिन्दू है इसमें जातिवाद का तो सवाल ही पैदा नही होता है और न ही होना चाहिए तो वो बोलता है कि उस से हमे कोई लेना देना नही है हम सिर्फ यादव है और  ओर लालू प्रसाद ने यादवो के लिए बहुत कुछ किया है  हमे घोटाला मामले से कोई लेना देना नही है  और वो ये बात मानने को तैयार नही है कि वो एक अच्छा नेता नही है मैंने उस से काफी देर तक बात की ओर काफी समझाने की कोशिस की  के कम से कम तुम्हे इस बात की तो समझ होनी चाहिए कि क्या गलत है और क्या सही है तुम एक ऐसे नेता को सही बोल रहे हो जिस ने 90 करोड़ का घोटाला किया है वो भी चारा घोटाला   पर उस पर इन बातों का कोई असर नही हो रहा था कि जो उसने किया है वो सही है या नही बस वो यादव है और हम भी  बाकी चाहे जो करे वो हमें  उस से कुछ समस्याएं नही है और वो बिहार का अच्छा नेता है बहुत से तर्क देने के बावजूद वो नवयुवक लालू को गलत नही मान रहा था

उस लड़के के जो जवाब थे उन जवाबो ने मेरे अंदर सवालों का जो बवंडर  खड़ा कर दिया वो में आपके समक्ष रखने का प्रयास कर रहा हु

ओर सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि मुझे इस बात का जवाब भी मिल गया कि जातिवाद पर कैसे लोग  लड़ने को तैयार हो जाते है

जरा  सोचिए कि जिस लड़के को लालू प्रसाद यादव ने कुछ नही दिया है और वो अपनी iti करने के लिए साथ मे जॉब भी कर रहा है वो भी दूसरे राज्य में आ कर   जिसे लालू जानता भी नही है और उस लड़के की मानसिकता  उस नेता के प्रति इतनी हो गईं हैं कि वह ये नही सोच रहा है कि उसने गलत किया है  वो सिर्फ इतना मानता है वो यादव है  और इस लिए उसका समर्थन कर रहा है । 


तो जरा सोचिए अगर लालू ने किसी को कुछ दिया होगा तो वो क्या नही कर सकता उस नेता के लिए  वो उसके लिए कही भी जातिवाद पर मार काट कर सकता है।  जाति वाद की अंधविश्वास की पटी उनकी आंखों में ऐसे बंधी है कि  वो उस नेता के एक।  इशारे पर कहि  भी दंगे कर सकते है ओर यही हो रहा है आज देश मे

ओर जरा सोचिए ये लड़का तो हिन्दू है और ये  यादव होने पर इतना समझने की क्षमता नही रखता है कि क्या सही है क्या गलत है


तो में इस बात का अंदाजा लगा सकता हु की हमारे देश मे हिन्दू ओर मुलसमानों के बीच जो दंगे होते है ओर क्यों होते है और कौन करवाते है ये बात में भली भांति समझ गया हूं 

मुस्लिम लोगो को तो जातिवाद का पाठ इतना पड़ाया जाता है कि वो  हिन्दू है और हिन्दू हमारे दुश्मन है

ओर इसी तरह हिन्दुओ को भी जातिवाद का पाठ पड़ाया जाता है कि  वो मुस्लिम है और मुस्लिम हमारे दुश्मन है 

ये नेता लोग कुछ लोगो की मानसिकता को ऐसा बना देते है कि उन में यह समझने की क्षमता नही रहती है  हमारा नेता क्या सही कर रहा है क्या गलत

तो हम कैसे  अपेक्षा कर सकते है कि  देश मे शांति स्थापित हो सकती है  ओर एक साथ मिलकर विकास की राह में बढ़ सकते है 

ओर जिन साधु संतों के जो अंध भक्तों की संख्या है वो तो आप अपनी आंखों से देख रहे हो । 

मुझे बहुत दुःख और दर्द होता है ये देख कर के हमारे देश मे   लोगो की मानसिकता इतनी गंदी हो चुकी है कि वो अपने स्वर्थो के लिए  कुछ भी करने को तैयार हो जाते है  ऐसे नेताओं का समर्थन करते है जिन पर कई आरोप लगे हुए है 

 जो नेता ही आरोपी है जिन्होंने कई घोटाले कर रखे है  और जाने क्या क्या कर रखा है हम युवा उन्ही के पक्ष में खड़े होकर  उनका समर्थन करते है  कहि जातिवाद के नाम पर तो कभी अपने स्वर्थो के लिए

तो   जाहिर सी बात है कि  हमारे देश मे ऐसे नेताओं का मनोबल बढ़ेगा और वो देश को ऐसे ही लुंटने में लगे रहगें

मेरी आप से विनती है कि अपनी सोच को ऐसा बनाये की हमे कम से कम इतनी समझ होनी चाहिए कि चोरी चोरी ही होती है चाहे वो 1 रुपये की है चाहे 90 करोड़ की   सजा चोर को मिलनी ही चाहिए चाहे वो नेता है या कोई अन्य इंसान  गलत इंसानों का कभी भी पक्ष न ले 

अगर हमारी आने वाली पीढ़ियों को अच्छा कल देना चाहते है तो   सही और गलत  नेताओं की परख करना शुरु कर दो और जो गलत है उसका विरोध करना शुरू कर दो 
तभी देश बदलेगा
                        धन्यवाद
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   वंदेमातरम

★केके राजपूत ★【कबू】
                           











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