एक फोजी जो देश के लिए शाहिद तक हो जाते है आपको लगता है कि उनको उनका पूरा हक मिल पाता है या मिल पा रहा है जो मिलना चाहिए
Hello friends.
Iam kk Rajput
भारतीय सीमा पर तैनात फौजी जवान जो की अपनी ज़िन्दगी को हर पल जोखिम में डाल कर और सर पर मोत का कफ़न बाँध कर हर पल अपने जीवन को दाव पर लगा कर और समय आने पर हस्ते हस्ते मोत को गले लगाने और देश के लिए कुर्बान हो जाने वाले भारतीय जवानों को सलाम
सरहद पर लड़ते लड़ते देश के लिए अपनी शहादत दे देते है वो एक पल भी नही सोचते के हमारे परिवार का क्या होगा हमारे माँ बाप भाई बहन बीबी बच्चे किस हालत में रहेंगे इन सब बातों की परवाह किये बिना वो भारत माता के लिए ये सोच के कुर्बान हो जाते है कि देश की करोड़ो परिवार अमन और चेन से रह सके ।
जरा सोचिए कि जब हमे ये पता चलता है कि कहि पर लड़ाई झग़डा हो रहा है और आपका बेटा या भाई या पति उसी इलाक़े में रह रहे है भले ही वो कितने सुरिक्षत हो वहां पर फिर भी हमे कितनी चिंता होती है उनकी हम बार बार फ़ोन कर के पूछते है सब ठीक तो है पूरा परिवार तनाव में होता है कि हमारे परिवार का कोई सदस्य वहां है पूरी पूरी रात नींद नही आती और जब तक घर नही आ जाते तब तक हम चेन से नही बैठते हमे ये भी पता होता है कि वो वहां पर सुरक्षित है पर फिर भी हम इतने चिन्तित होते है
ये तो बात थी हमारी जरा सोचिए कि जब किसी का बेटा
किसी का भाई
किसी का पति और किसी का पापा
सरहद पर तैनात है और हर वक़्त खतरा बना रेहता है पता नही कब कोन सी गोली सीने पर लगा जाये
सब परिवार वालो को यह पता होता है तो सोचो कैसे
एक माँ रहती होगी घर पर । की उसका जवान बेटा सरहद पर दुश्मनो के साथ लड़ रहा है
क्या गुजरती होगी उस बीबी पर जब वो कही से सुनती होगी कि आज दुश्मनो ने सरहद पर गोली बारी की है
किस तरह रहती होगी एक बहन एक बच्चा और एक बाप
जो देश के लिए मर मिटने को हर दम तैयार रहते है
क्या गुजरती है उन के घरवालों पर जब तिरंगे से लिपटा हुआ देश के लिए शहीद जवान को घर पर लाया जाता है एक बार इस जगह पर अपने आप को रख कर देखो कितना दुःख होता है ये सोच उन पर क्या बीतती होगी जिनके साथ ऐसा होता
अब बात करते है हम अपनी सरकार की जो फौजियों के बारे में कितना सोचती है
देश के लिए अपने जान तक दे देने वाले फौजियों को इतनी सेलरी नही दी जा रही है जितनी होनी चाहिए न ही इनके परिवार वालो को इतनी सुविधाएं दी जाती है
ये तो देश की कड़ी धूप में बारिश में आँधी तूफान कुछ भी हो रहा हो सरहद पर तैनात रहते है
और हमारी सरकार की सोच तो देखो जो स्पोर्ट्स के लिए इतना पैसा खर्च कर रही है एक एक खिलाडी को इतना पैसा दिया जा रहा है भले ही वो कोई भी खेल स्पर्धा हो पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है
पर एक फोजी जो अपनी जान तक दे देते है देश के लिए उनको पैसा देने में सरकार एक बार भी नही सोचती हैं कि इनको किस तरह से अछि से अछि सुविधाएं दी जाये
एक नेता को इतनी सुविधाओ का भंडार दे रखा होता वो तो पूछो ही मत पूरी लग्जरी लाइफ होती है अगर दुबारा सरकार में न भी आये तो भी उनको काफी पैसे मिलता रहता है बस एक बार जितना चाहिए
Delhi में बैठ कर घोषणा की जाती है कि देश के लिए सहीद होने वालों के जवानों के घर वालो को 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे मगर सचाई ये है कि आज जा के पूछो उनके घर वालो को कितने पैसे मिले है सरकार की तरफ से । तो पता चलता है कि 1 रूपया तक नही पहुंचा है घोषणा की हुई राशि का कोई पता नही होता
कोन है जिमेवार इन सब चीजों का क्यों नही फौजियों के प्रति सरकार सोचती हैं
में तो ये कहता हूं ऐसा नियम शुरू करना चाहिए की जो भी नेता बनेगा उसके परिवार वालो का एक सदस्य फ़ौज में होना जरूरी है और उसकी ड्यूटी सिमा पर लगी होनी चाहिए तो ही आप राजनीति में कदम रख सकते है
तभी इनको समझ आएगी ऐसे नही आ सकती की फौजियो का दर्द क्या है
मेरी विनती ये है कि फौजियो को अछि सेलरी तथा अछि सुविधाये मिलनी चाहिए
दोस्तों आगे का संधर्भ पड़ने के लिए कृपा कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करे ताकि मुझे पता चल सके की आप लोग मेरा ब्लॉग पड़ रहे है तथा अपनी फीडबैक के लिए भी कॉमेंट करे तभी इस से आगे की जानकारी पड़ पाएंगे
धन्यवाद
के के राजपूत
Iam kk Rajput
भारतीय सीमा पर तैनात फौजी जवान जो की अपनी ज़िन्दगी को हर पल जोखिम में डाल कर और सर पर मोत का कफ़न बाँध कर हर पल अपने जीवन को दाव पर लगा कर और समय आने पर हस्ते हस्ते मोत को गले लगाने और देश के लिए कुर्बान हो जाने वाले भारतीय जवानों को सलाम
सरहद पर लड़ते लड़ते देश के लिए अपनी शहादत दे देते है वो एक पल भी नही सोचते के हमारे परिवार का क्या होगा हमारे माँ बाप भाई बहन बीबी बच्चे किस हालत में रहेंगे इन सब बातों की परवाह किये बिना वो भारत माता के लिए ये सोच के कुर्बान हो जाते है कि देश की करोड़ो परिवार अमन और चेन से रह सके ।
जरा सोचिए कि जब हमे ये पता चलता है कि कहि पर लड़ाई झग़डा हो रहा है और आपका बेटा या भाई या पति उसी इलाक़े में रह रहे है भले ही वो कितने सुरिक्षत हो वहां पर फिर भी हमे कितनी चिंता होती है उनकी हम बार बार फ़ोन कर के पूछते है सब ठीक तो है पूरा परिवार तनाव में होता है कि हमारे परिवार का कोई सदस्य वहां है पूरी पूरी रात नींद नही आती और जब तक घर नही आ जाते तब तक हम चेन से नही बैठते हमे ये भी पता होता है कि वो वहां पर सुरक्षित है पर फिर भी हम इतने चिन्तित होते है
ये तो बात थी हमारी जरा सोचिए कि जब किसी का बेटा
किसी का भाई
किसी का पति और किसी का पापा
सरहद पर तैनात है और हर वक़्त खतरा बना रेहता है पता नही कब कोन सी गोली सीने पर लगा जाये
सब परिवार वालो को यह पता होता है तो सोचो कैसे
एक माँ रहती होगी घर पर । की उसका जवान बेटा सरहद पर दुश्मनो के साथ लड़ रहा है
क्या गुजरती होगी उस बीबी पर जब वो कही से सुनती होगी कि आज दुश्मनो ने सरहद पर गोली बारी की है
किस तरह रहती होगी एक बहन एक बच्चा और एक बाप
जो देश के लिए मर मिटने को हर दम तैयार रहते है
क्या गुजरती है उन के घरवालों पर जब तिरंगे से लिपटा हुआ देश के लिए शहीद जवान को घर पर लाया जाता है एक बार इस जगह पर अपने आप को रख कर देखो कितना दुःख होता है ये सोच उन पर क्या बीतती होगी जिनके साथ ऐसा होता
अब बात करते है हम अपनी सरकार की जो फौजियों के बारे में कितना सोचती है
देश के लिए अपने जान तक दे देने वाले फौजियों को इतनी सेलरी नही दी जा रही है जितनी होनी चाहिए न ही इनके परिवार वालो को इतनी सुविधाएं दी जाती है
ये तो देश की कड़ी धूप में बारिश में आँधी तूफान कुछ भी हो रहा हो सरहद पर तैनात रहते है
और हमारी सरकार की सोच तो देखो जो स्पोर्ट्स के लिए इतना पैसा खर्च कर रही है एक एक खिलाडी को इतना पैसा दिया जा रहा है भले ही वो कोई भी खेल स्पर्धा हो पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है
पर एक फोजी जो अपनी जान तक दे देते है देश के लिए उनको पैसा देने में सरकार एक बार भी नही सोचती हैं कि इनको किस तरह से अछि से अछि सुविधाएं दी जाये
एक नेता को इतनी सुविधाओ का भंडार दे रखा होता वो तो पूछो ही मत पूरी लग्जरी लाइफ होती है अगर दुबारा सरकार में न भी आये तो भी उनको काफी पैसे मिलता रहता है बस एक बार जितना चाहिए
Delhi में बैठ कर घोषणा की जाती है कि देश के लिए सहीद होने वालों के जवानों के घर वालो को 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे मगर सचाई ये है कि आज जा के पूछो उनके घर वालो को कितने पैसे मिले है सरकार की तरफ से । तो पता चलता है कि 1 रूपया तक नही पहुंचा है घोषणा की हुई राशि का कोई पता नही होता
कोन है जिमेवार इन सब चीजों का क्यों नही फौजियों के प्रति सरकार सोचती हैं
में तो ये कहता हूं ऐसा नियम शुरू करना चाहिए की जो भी नेता बनेगा उसके परिवार वालो का एक सदस्य फ़ौज में होना जरूरी है और उसकी ड्यूटी सिमा पर लगी होनी चाहिए तो ही आप राजनीति में कदम रख सकते है
तभी इनको समझ आएगी ऐसे नही आ सकती की फौजियो का दर्द क्या है
मेरी विनती ये है कि फौजियो को अछि सेलरी तथा अछि सुविधाये मिलनी चाहिए
दोस्तों आगे का संधर्भ पड़ने के लिए कृपा कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करे ताकि मुझे पता चल सके की आप लोग मेरा ब्लॉग पड़ रहे है तथा अपनी फीडबैक के लिए भी कॉमेंट करे तभी इस से आगे की जानकारी पड़ पाएंगे
धन्यवाद
के के राजपूत
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