राजीव दीक्षित जी के व्यख्यान एक बार सुन लोगो तो अपने आप से ये सवाल जरूर करोगे की जो वो अभियान चला रहे थे वो सही था या नही अगर सही था तो हम आज भी उनके विचारों के साथ क्यों नही हैं
दोस्तो
में राजीव दीक्षित जी के व्यख्यानों को काफी गम्भीरता से सुनता हूं । ओर मुझे उनके द्वारा दी गई जानकारीयो से काफी कुछ जानने ओर समझने को मिलता है और बहुत सारी ऐसी बातो की जानकारी मिलती है
जो न तो कोई हमे बता सकता था और न बता सकता है ।ओर न ही कोई बताएगा भविष्य में
उन्होंने अपना पूरा जीवन हमे ये बताने को लगा दिया कि हमे किस तरह आजादी मिली और किस तरह से देश को फिर से गुलामी की ओर हमारे राजनेताओं द्वारा झोंका जा रहा है
जो न तो कोई हमे बता सकता था और न बता सकता है ।ओर न ही कोई बताएगा भविष्य में
मेरा मानना यह है कि राजीव दीक्षित जी कोई साधारण इंसान नही थे वो भगवान का ही एक रूप थे राजीव दीक्षित जी जैसे इंसान दुनिया मे बिरले ही होते है उनके शब्दों में इतना तेज है कि जब भी आप उनको सुनोगे तो आप सोचने पर मजबूर हो जाओगे उनकी आवाज़ में एक अलग सी कशिश है जो सीधे इंसान के दिल और दिमाग दोनो को सोचने पर विवश कर देती है
उन्होंने अपना पूरा जीवन हमे ये बताने को लगा दिया कि हमे किस तरह आजादी मिली और किस तरह से देश को फिर से गुलामी की ओर हमारे राजनेताओं द्वारा झोंका जा रहा है
राजीव भाई ने अपना पूरा जीवन बिना किसी अपने निजी स्वार्थ के देश के लिए लगा दिया
वो इस बात पर की जो हमे आजादी मिली है उसमे कितने वीर क्रांतिकारी जवानों ने शाहदत दी है और उनके क्या सपने थे की आजादी के बाद का भारत केसा होना चाहिए ।
ओर राजीव दीक्षित जी ने जितने भी व्यख्यान दिए है उन्होंने पहले उन बातों का अध्ययन किया फिर सबूत ओर पूरे दस्तावेज एकत्रित किये जो ये प्रमाणित करते है कि जिस भी विषय मे उनका व्यख्यान है वो पूर्ण रूप से सिद्ध है
वो इस बात पर की जो हमे आजादी मिली है उसमे कितने वीर क्रांतिकारी जवानों ने शाहदत दी है और उनके क्या सपने थे की आजादी के बाद का भारत केसा होना चाहिए ।
ओर राजीव दीक्षित जी ने जितने भी व्यख्यान दिए है उन्होंने पहले उन बातों का अध्ययन किया फिर सबूत ओर पूरे दस्तावेज एकत्रित किये जो ये प्रमाणित करते है कि जिस भी विषय मे उनका व्यख्यान है वो पूर्ण रूप से सिद्ध है
जब भी में राजीव दीक्षित जी के व्यख्यान सुनता हूं तो मुझे बहुत ही दुख होता है यह देख कर की आज भी हमारे देश के लोग राजीव दीक्षित जी से अपरिचित है लोगो को नाम तक भी पता नही है कि राजीव दीक्षित जी कोन थे
ओर जब भी में राजीव दीक्षित जी की वीडियो को देखता हूं व्यख्यान देते हुए तो उनको देख कर आंखे अपने आप नम हो जाती है और में हर बार ये सोचने को मजबूर हो जाता हूं कि जिस इंसान ने इतनी मेहनत और लगन से ओर पूरी सच्चाई और निष्ठा से लोगो को जागरूक करने का काम किया उस महान व्यक्ति श्री राजीव दीक्षित जी को क्यों नही लोग जानते है ।
सबसे बड़ा दुःख तो तब होता है जब में किसी इंसान को राजीव जी के बारे में बताता हूं तो वो उन बातो पर ऐसा तर्क देते है
आज के वक़्त में किसी के पास समय नही है ।
इन बातों को सोचने के लिए भारत के लोग कभी नही सुधर सकते हैं ऐसे अजीबो गरीब तर्क देते है हमारी सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि हमने अपनी मानसिकता को ऐसा बना रखा है कि सामने वाले कि बात को पूरा सुने बिना कुछ भी तर्क दे देते है
ओर सबसे बड़ी बात में अभी हाल में कुछ दिन पहले लोगो से wto के बारे में पूछ रहा था वो भी उन लोगो से जो राजनीतिक पार्टियों का समर्थन करते है तो में आपको बता नही सकता कि उस पर लोगो के क्या तर्क थे और क्या क्या तर्क दिए
जिस दोस्त से मैन पूछा तो उसने तो जवाब नही दिया पर ओर लोगो के तर्क बहुत आये और साथ मे मेने ये भी पूछा कि भारत को आजाद करवाने में कितने क्रांतिकारी शहीद हुए । और हम आजाद है या गुलाम
तो उन लोगो के ने जो तर्क दिए उस से मुझे बहुत दुःख भी हुआ और हसि भी आई
ओर मुझे इस बात का अहसास ओर अनुभूति हुई कि राजीव भाई ने जब शुरुआत की थी तो उन्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा होगा
ओर लोग क्या तर्क देते होंगें उनके बारे में
राजीव जी के पास इतना ज्ञान और इतना अनुभव था
की उन्होंने देश की हर समस्या को उजागर किया और समस्याओं के मूल कारण क्या है और उसके निवारण क्या है ये सब कुछ बताने के बाद भी
नेताओ ने वो काम कर के क्यों नही देखे जिस से भारतीयों की समस्याओं का हल हो सकता है
ओर सबसे बड़ा दुःख ये देख कर होता है कि हमारे देश के लोगों को जिस इंसान के बारे में देखना पड़ना ओर सुनना चाहियें उसे तो कोई नही सुनता पर नेताओं को जरूर सुनेंगे जो सालो से उनका ही बेवकूफ बना रहे है
ओर tv पर नेताओं की डीबेट को सुनने के लिए उत्सुक रहते है जिसका कोई भी हल नही निकलेगा बाद में ।
मेरा मानना यह है कि जिस दिन हर भारतवासी राजीव दीक्षित जी के बताए हुए रास्ते पर चलेगा उस दिन से ही भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा भारत से
इतनी शक्ति है राजीव दीक्षित जी के व्यख्यानों में
हम लोगो को दुर्भाग्य यह है कि हम राजीव भाई को तो सुनते नही बस राजनेताओं के चक्र में ऐसे पड़े हुए है कि हमे ओर दूसरा रास्ता दिखता ही नही है
में अपनी बात आप को उदहारण के तौर पर समझाने का प्रयास करता हु
मान लो हमारे घर मे ऐसी स्थिति बन गई है कि घर का माहौल ठीक नही चल रहा है हम नही चाहते है फिर भी वही काम हो रहा है घर मे कोई किसी की बात नही सुनता न ही किसी को किसी की परवाह है ओर हम समझ नही पा रहे है कि समस्या की जड़ क्या है
ओर
कोई हमे ये बता रहा है समस्या कहाँ है कैसे उत्पन्न हुई क्या मूल कारण है इसके पीछे वो भी पुख्ता जानकारी के साथ ओर वो भी बिलकुल मुफ्त में आपको उसको कुछ नही देना है
तो आप क्या करोगे ।
जाहिर सी बात है आप बोलोगे भाई आओ ओर हमारी समस्याओं का समाधान करो
यही बात अगर हम अपने देश के लिए सोचे जैसे अपने घर के लिए सोचते है समस्या आने पर तो हमे अमर शाहिद राजीव दीक्षित जी के विचारो को सुनना है और लोगो तक उनके विचारों को पहुंचाने का प्रयत्न करना है ऐसा मेरा मानना है आपको पड़ के अच्छा लगा हो तो ये पोस्ट फ़ेसबुक व्हाट्सएप पर शेयर जरूर करे
धन्यवाद
# ★केके राजपूत 【 कबू 】■★
ओर जब भी में राजीव दीक्षित जी की वीडियो को देखता हूं व्यख्यान देते हुए तो उनको देख कर आंखे अपने आप नम हो जाती है और में हर बार ये सोचने को मजबूर हो जाता हूं कि जिस इंसान ने इतनी मेहनत और लगन से ओर पूरी सच्चाई और निष्ठा से लोगो को जागरूक करने का काम किया उस महान व्यक्ति श्री राजीव दीक्षित जी को क्यों नही लोग जानते है ।
सबसे बड़ा दुःख तो तब होता है जब में किसी इंसान को राजीव जी के बारे में बताता हूं तो वो उन बातो पर ऐसा तर्क देते है
आज के वक़्त में किसी के पास समय नही है ।
इन बातों को सोचने के लिए भारत के लोग कभी नही सुधर सकते हैं ऐसे अजीबो गरीब तर्क देते है हमारी सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि हमने अपनी मानसिकता को ऐसा बना रखा है कि सामने वाले कि बात को पूरा सुने बिना कुछ भी तर्क दे देते है
ओर सबसे बड़ी बात में अभी हाल में कुछ दिन पहले लोगो से wto के बारे में पूछ रहा था वो भी उन लोगो से जो राजनीतिक पार्टियों का समर्थन करते है तो में आपको बता नही सकता कि उस पर लोगो के क्या तर्क थे और क्या क्या तर्क दिए
जिस दोस्त से मैन पूछा तो उसने तो जवाब नही दिया पर ओर लोगो के तर्क बहुत आये और साथ मे मेने ये भी पूछा कि भारत को आजाद करवाने में कितने क्रांतिकारी शहीद हुए । और हम आजाद है या गुलाम
तो उन लोगो के ने जो तर्क दिए उस से मुझे बहुत दुःख भी हुआ और हसि भी आई
ओर मुझे इस बात का अहसास ओर अनुभूति हुई कि राजीव भाई ने जब शुरुआत की थी तो उन्हें कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा होगा
ओर लोग क्या तर्क देते होंगें उनके बारे में
राजीव जी के पास इतना ज्ञान और इतना अनुभव था
की उन्होंने देश की हर समस्या को उजागर किया और समस्याओं के मूल कारण क्या है और उसके निवारण क्या है ये सब कुछ बताने के बाद भी
नेताओ ने वो काम कर के क्यों नही देखे जिस से भारतीयों की समस्याओं का हल हो सकता है
ओर सबसे बड़ा दुःख ये देख कर होता है कि हमारे देश के लोगों को जिस इंसान के बारे में देखना पड़ना ओर सुनना चाहियें उसे तो कोई नही सुनता पर नेताओं को जरूर सुनेंगे जो सालो से उनका ही बेवकूफ बना रहे है
ओर tv पर नेताओं की डीबेट को सुनने के लिए उत्सुक रहते है जिसका कोई भी हल नही निकलेगा बाद में ।
मेरा मानना यह है कि जिस दिन हर भारतवासी राजीव दीक्षित जी के बताए हुए रास्ते पर चलेगा उस दिन से ही भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा भारत से
इतनी शक्ति है राजीव दीक्षित जी के व्यख्यानों में
हम लोगो को दुर्भाग्य यह है कि हम राजीव भाई को तो सुनते नही बस राजनेताओं के चक्र में ऐसे पड़े हुए है कि हमे ओर दूसरा रास्ता दिखता ही नही है
में अपनी बात आप को उदहारण के तौर पर समझाने का प्रयास करता हु
मान लो हमारे घर मे ऐसी स्थिति बन गई है कि घर का माहौल ठीक नही चल रहा है हम नही चाहते है फिर भी वही काम हो रहा है घर मे कोई किसी की बात नही सुनता न ही किसी को किसी की परवाह है ओर हम समझ नही पा रहे है कि समस्या की जड़ क्या है
ओर
कोई हमे ये बता रहा है समस्या कहाँ है कैसे उत्पन्न हुई क्या मूल कारण है इसके पीछे वो भी पुख्ता जानकारी के साथ ओर वो भी बिलकुल मुफ्त में आपको उसको कुछ नही देना है
तो आप क्या करोगे ।
जाहिर सी बात है आप बोलोगे भाई आओ ओर हमारी समस्याओं का समाधान करो
यही बात अगर हम अपने देश के लिए सोचे जैसे अपने घर के लिए सोचते है समस्या आने पर तो हमे अमर शाहिद राजीव दीक्षित जी के विचारो को सुनना है और लोगो तक उनके विचारों को पहुंचाने का प्रयत्न करना है ऐसा मेरा मानना है आपको पड़ के अच्छा लगा हो तो ये पोस्ट फ़ेसबुक व्हाट्सएप पर शेयर जरूर करे
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