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आज के युवा क्या सोचते है ओर किस तरह की विचारधारा रखते है

नमस्कार दोस्तो
                    में   हिमाचल में जिला चम्बा में एक छोटे से गाँव जिसका नाम सियुर का रहना वाला हूँ  आज में बहुत ही अहम विषय पर बात  करना चाहता हूँ   

वो है आज के युवाओ की  सोच  दोस्तो अभी हाल ही में कुछ दिन पहले हिमाचल में चुनाव का दौर
 चल रहा था ओर  हमारे चम्बा के लोग चुनाव के प्रचार में इतने उलझे पड़े थे  जिसकी कोई हद नही है  सब अपने अपने काम काज छोड़ के प्रचार में व्यस्त थे  कोई बीजेपी के समर्थक थे तो कोई कांग्रेस के सब लोगो के अपने अपने मत थे 

कोई कहता की कांग्रेस की सरकार अच्छी है तो कोई कहता बीजेपी की सरकार अच्छी है    ओर कुछ एक मेरे मित्र जिनको में अछि तरह जानता हु तो मेने उनको पूछा की भाई आप किस वजह से इन पार्टियों  का प्रचार कर रहे है तो मेरे मित्र कहते है की  इन्होंने बहुत काम करवाए है तो मेने  पूछा की भाई ऐसे काम बताओ जिस से आज तक आप के गाव  में कुछ अलग से करवाया है  जैसे की बच्चो  का भविष्य उज्वल हो सके या ऐसे काम बताओ की जिस से पूरे गाँव को लाभ हुआ हो

तो किसी भी मेरे दोस्त ने इस बात का जवाब नही दिया  चाहे वो किसी भी पार्टी के समर्थक थे
 

   किसी भी इंसान के पास न तो कोई ठोस तथ्य है जिसे हम विकास का नाम दे सके अब कोई बोलता है की इस सरकार ने बहुत सारे स्कूल खुलवाए है तो कोई बोलता है की हमे पानी की सुविधएं दिलवाई है
ओर  कोई बोलता है की इन्होंने अनाज सस्ता करवाया है जो लोग गरीबी रेखा के नीचे आते है  सब लोग इस तरह की बाते बताते है विकास के नाम पर तो कोई कहता है की सड़के बनवाई है  ये तो थी हमारे लोगो की बाते जो इन चीजो को विकास कहते है

अब मेरी क्या सोच है यह में आपको बताना चाहता हु की विकास किस तरह का होना चाहिए  पहले तो में इस बात का स्पष्टीकरण करना चाहता हु की जो मेरे भाई  कहते है की स्कूल खुलवाए है  हमारी सरकार ने 
तो उन भाइयो से में पुछना चाहता हूँ की आप जो स्कुलो के नाम पर वोट मांग रहे है क्या आप लोगो ने स्कुलो में जा कर कभी ये देखा है की वहां क्या पड़ाया जा रहा है या वहां के अध्यापक कितने शक्षम है की वो बच्चो को ढंग से पड़ा पा रहे है या नही 
या कभी ये जानने की कोशिश की है की वहां अधयापक समय से स्कूल आ रहे है  या नही       

लोगो की मानसिकता इतनी दुर्लभ है जिसका कोई अंदाजा नही है बस स्कूल खुलवा दिया है पर वहां पर पूरे अध्यापक नही है         
अब जो स्कूल खोले  है वहां अध्यपक वही होंगे जो वहां के लोकल है वो क्यों , क्योकि जो पार्टी जीती है उसी पार्टी से जुड़े हुए लोग या उन लोगो के रिस्तेदार ही उसी स्कूल में होंगे  उनके लिए मायने नही रखता की जीस अध्यापक को चयनित किया गया है उसको कितनी समझ है या कितना काबिल है  बस ये अहमियत रखता है की वो उनका समर्थक है                           
मुझे बहुत ही दुख होता है की  एक अध्यापक जो की 10वी क्लास तक पड़ता है उसी के बच्चे    प्राइवेट स्कुलो में पड़ रहे है     कितने शर्म की बात है

 इन चीजो को मेरे आज के भाई विकास कहते है 

में  उन लोगो से कुछ पुछना चाहता हु की किसी भी एक पार्टी का नाम बता दो जिसने हमारे चम्बा में ये निम्नलिखित काम किये है   जिस से मुझे लगता है हम इन कामो को  विकास कह सकते है

[1].>  हमारे चम्बा में कितनी स्पोर्ट्स   एकेडमी खुली है सरकार की तरफ से जहां जा के हमारे बच्चे या आज के युवा कोचिंग ले सके  ओर अपने भविष्य को उज्वल कर सके

[2] आज सरकार ने कोई अच्छी एकेडमी बनवाई है जहां  गरीब परिवार के बच्चे जा कर उच्च श्रेणी शिक्षा की कोचिंग ले सके   

[3] या  किसी सरकार ने ये जानने की कोशिस की है की ऐसा क्या कारण है  की आज के टाइम में क्यों लोग प्राइवेट स्कुलो में बच्चे पड़ा रहे है ऐसी कोन सी परस्थितिया  है की  गरीब परिवार के लोग भी सरकारी स्कुलो में बच्चो को क्यों नही पड़ना चाहते है 
 [4]  किसी भी  सरकार ने  कभी ये जानने की कोशिस की है क्यो लोग बेरोजगार है में  ऐसे बहुत से अपने दोस्तो को जनता हूँ जिन्हें  नेताओ ने चुनाव के दौरान ये वादे किये थे की हम आप को नोकरी  दिलवाएंगे  वो आज भी बेरोजगार है 

[5']  या किसी भी सरकार   कुछ ऐसी स्किम चलवाई  हो जिस से कम  कम  हर गाँव के जो  बी टेक या डिप्लोमा कर के  युवा बेरोजगार बैठे है उन्हें रोजगार मिल सके

 [6]     आप जा के देख लो हिमाचल  के हर गाव में आपको कम से कम  10 लड़के मिल जायेगे जो डिप्लोमा य बी टेक कर के घर में बैठे है   

[7]  अब जिन लड़को के  परिवार वाले पैसे वाले
है वो तो घर में ही बैठे है ओर जिन लड़को के परिवार वाले गरीब है ओर अपने जीवन की पूरी जमा पूंजी लगा कर अपने बच्चो को डिप्लोमा या बी टेक  करवाते है ये सोच कर के हमारा लड़का अच्छी नोकरी करेगा  पर अब हाल ये है की  बेचारा लड़का मजदूरी कर रहा है  अब ये बताओ मुझे की विकास कहाँ  हगो रहा है

[8] दूर की बातो को छोड़ो हमारी पंचायतो  का इतना बुरा  हाल है की वहां  पर तो ये ड्रामा होता है की जो परिवार वाले गरीबी रेखा के नीचे आते है उनके राशन कार्ड  गरीबी रेखा वाले नही बने है ओर जो गरीबी रेखा में नही आते है उनके राशन कार्ड गरीबी  रेखा वाले बने है  क्या सरकार की ये जिमेवारी नही बनती की  टाइम  टाईम पर हर पंचायत का निरीक्षण करवाया जाए की जो सुविधाएं जिन लोगो को दी जा रही है वो ऊं लोगो तक पहुँच रही है या नही  जैसे नेता लोग चुनाव के दिनों में गाँव में जा जा के वोट मांगते है वैसे दोबारा कभी पूछने भी आते है 

ओर मेरे भाई भी बोलते है बड़ा विकास हो रहा है
  विकास के नाम पर जो लोगो को बेवकूफ बनाया जा रहा है  ओर लोग बन भी रहे है  दुख तो तब होता है जब मेरे कुछ पड़े लिखे नेताओ के पीछे पागल हुए बैठे है जिसका कोई अंदाजा नही है 
   
हमारे  भाइयो की मानसिकता  ऐसी बन गई है की  वो सोच ही नही पाते है की हमारे साथ क्या हो रहा है को हमारा बेवकूफ बना रहा है वो इतना सोचने में भी सक्षम नही है  राजनेता  जो भी चुनाव में पैसा लगा रहे है  कितनी गाड़िया उनके काफिले में चलती है  वो भी 1 महीने या दो महीने पहले से  कितने लोग एक एक  उमीदवार के पीछे चले होते है उनका हर दिन का कितना खर्च होता है  कितनी दारू पिलाई जाती  है कितना पेट्रोल गाडीयो में फुका जाता है आखिर कहाँ से आ रहज है इतना पेसा  ओर जो पैसा ये लोग खर्च कर रहे है उसकी भरपाई कहाँ से होगी 

 हम मूर्ख लोगो को इतना सोचने की फुर्सत नही है बस अंधे भगत बने बैठे है  ओर है पार्टियों  में जो लोग पैसा लगा रहे है वो क्यो लगा रहे है  आखिर क्या वजह है  ओर उनको पैसा लगाने की जरूरत क्यो है   ओर इनको क्या फायदा है 
 
ओर मेरे भाई बड़े गर्व से बाते करते है की  उस आदमी ने इस नेता को इतना पैसा दिया  इतनी गाड़िया रैली में भिजवाई   बड़े गर्व से सीना ठोक कर  बोलते है 

अरे मेरे मूर्ख  भाई ये  बाते बोलने से पहले  जरा इतना सोच ले की ये इंसान किस  स्वार्थ के लिए पार्टी मे पेसे लगा रहा है 

जिस दिन ये सोचने लगेंगे उस दिन से अपने आप विकास होना शुरू हो जायगा  हमे  विचारो की क्रांति करने की जरूरत है जिस दिन हमारे बीच में अच्छे विचारो पर चर्चा होनी  शुरू हो जाएगी  उस दिन अपने आप आस पास का वातावरण बदल जाएगा

      क्योकि  आदमी भले ही मर जाए परन्तु अच्छे विचार कभी नही मरते 

   धन्यवाद

केके राजपूत [कबू] 



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