भारत मे 47 साल 48 दिन का प्रधानमंत्री पद कांग्रेस के मात्र 4 नेताओं ने सम्भाला ओर दे कर क्या गए विदेशी कर्ज ओर गुलामी
भारत मे 47 साल 48 दिन का प्रधानमंत्री पद कांग्रेस के मात्र 4 नेताओं ने सम्भाला था ओर भी कई प्रधानमंत्री रहे पर में अपने ब्लॉग में उनका नाम और कार्यकाल बताना चाहता हु जिनको भारत में 2 या उस से अधिक बार चुना गया और इन मे से सिर्फ 1 का कार्यकाल कम रह बाकी 3 का ज्यादा रहा जिनके नाम और कार्यकाल की अवधि इस प्रकार से हैं
अब बात करते है कि इन्होंने क्या दिया भारत को ओर इतने लम्बे समय तक जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का कार्यकाल रहा है शायद ओर किसी भी नेता ने इतने समय तक प्रधानमंत्री पद संभाला नही होगा
आज जब भी में अपने समाज और देश की ओर देखता हूं तो मुझे इस बात का बड़ा दुख होता है कि जिन्होंने देश की आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी देश को आजाद कराने के लिए जो बलिदान दिए है उनके जो सपने थे कि हमारा देश अजादी के बाद कैसा होगा और क्या व्यवस्था होनी चाहिए ओर जैसे भारत देश की कल्पना को थी वो सपनो ओर वो कल्पनाओं का भारत आज भी नही है
इन नेताओं ने हमे दिया क्या है जरा उस पर नज़र डालें तो क्या दिखता है ओर क्या नज़र आता हैं
(1) बेरोजगारी
(2) भुखमरी
(3) गरीबी
(4) जातिवाद पर दंगे
(5) भ्रष्टाचार
(6) घूसखोरी को बढ़ावा
(7) खुलेआम मर्डर , रेप
(8) विकास के नाम पर धोखाधड़ी
(9) विदेशी करन
(10) गो हत्या जो आजादी के बाद भी बंद नही हुई है
जब हम गुलाम थे तब ये सब घटनाएं होती थी तब तो हमे बात समझ भी आता था पर आजादी के बाद भी ये सब हो रहा है तो इसका मतलब क्या है हमने जिन लोगो को अपने देश की बागडोर दी थी वो किस दिशा पर हमें ले जा रहे थे क्यो हम समझ नही पाए
जैसे आज देश से कांग्रेस का नामोनिशान मिट रहा है अगर ये काम पहले हमारी जनता कर देती तो आज देश इस हाल में नही होता
जब भारत आजाद हुआ था तो एक रुपया = एक डॉलर था ओर आज आप देख लो कितना हो गया है आप इस बात का आंकलन करो की हमने तरक्की की है कि अपने देश का विनाश
हमारे देश पर आज विदेशी बैंकों और अन्य देशों का इतना कर्जा हो गया है कि कर्जा चुकाना तो बड़े दूर की बात है उस कर्जे पर लग रहे ब्याज दर को चुकाने के लिए भी नया कर्ज़ लेना पड़ता है हमारे देश मे विदेशी करन इतनी तेजी से हो रहा है जिसका कोई अंदाजा नही है
ओर दूसरी सबसे अजीब ओर विचित्र बात इन नेताओं की देखो और हमारी मूर्ख जनता की मूर्खता एक तरफ तो विदेशो से कर्जा ले कर नेताओं ने इतना कर्जे में डूबा दिया भारत को तो उसी तरफ स्विस बैंकों में इन नेताओं ने इतना पैसा जमा कर रखा है कि जिसकी कोई हद नही है मुझे जब इस बात का पता चला कि स्विस बैंकों में भारत का इतना पैसा है कि अगर उस पैसे को भारत वापिस लाया जाए तो हमारे देश पर जितना कर्जा अब तक है वो हम चुका
सकते है और कर्जा चुकाने के बाद भी हमारे देश के पास इतना पैसा बच जाता है कि अगर जिस से देश को विकसित किया जा सकता है
ओर सबसे बड़ी बात यह हो जायेगी की 1 डॉलर = 1 रुपया हो जायेगा और बिना कुछ किये हमारे देश के लोगो की आमदनी एक दम 67 गुना बढ़ जाएगी
अगरआजादी के बाद इन मे से किसी भी एक नेता ने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से ओर देश भक्ति से काम किया होता तो आज हमारे देश की हालत कुछ और होती पर मुझे ये सोच कर बड़ी हैरानी होती है आखिर हमारे देश के लोगो को इतनी बात भी समझ नही आ रही थी कि जिन्हें हम बार बार मोका दे रहे थे उन्होंने क्या काम किया है इन बातों में से किसी भी बात के आंकड़े कम हुए है या इन चीजों को जड़ से उखाड़ फेंका है कि नही ये हमे सही दिशा में ले जा रहे है कि नही इन बातों की समीक्षा किसी नही की ओर आंखे बंद कर के विशवास करते रहे जिनका भुगतान आज हमारी पीढ़ी कर रही है
मेरी सब लोगो से विनती है कि इन बातों पर चिंतन करे और इन मुद्दों पर चर्चा करे कि हम किस दिशा में जा रहे है
ओर गो ह्त्या आज भी हमारे देश मे क्यों हो रही हैं और सरकार इसको बन्द कराने में आज भी नाकाम क्यों हैं ये एक गहन चिंता की बात है
धन्यवाद
केके राजपूत(कबू)
(1) पंडित जवाहर लाल नेहरू 16 साल 286 दिन भारत के प्रधानमंत्री रहे
(2) इंदिरा गांधी 15 साल 91 दिन भारत की प्रधानमंत्री रही
(3) राजीव गांधी 5 साल 32 दिन भारत के प्रधानमंत्री रहेK
(4) मनमोहन सिंह 10 साल 4 दिन भारत के प्रधानमंत्री रहे
अब बात करते है कि इन्होंने क्या दिया भारत को ओर इतने लम्बे समय तक जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का कार्यकाल रहा है शायद ओर किसी भी नेता ने इतने समय तक प्रधानमंत्री पद संभाला नही होगा
आज जब भी में अपने समाज और देश की ओर देखता हूं तो मुझे इस बात का बड़ा दुख होता है कि जिन्होंने देश की आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी देश को आजाद कराने के लिए जो बलिदान दिए है उनके जो सपने थे कि हमारा देश अजादी के बाद कैसा होगा और क्या व्यवस्था होनी चाहिए ओर जैसे भारत देश की कल्पना को थी वो सपनो ओर वो कल्पनाओं का भारत आज भी नही है
इन नेताओं ने हमे दिया क्या है जरा उस पर नज़र डालें तो क्या दिखता है ओर क्या नज़र आता हैं
(1) बेरोजगारी
(2) भुखमरी
(3) गरीबी
(4) जातिवाद पर दंगे
(5) भ्रष्टाचार
(6) घूसखोरी को बढ़ावा
(7) खुलेआम मर्डर , रेप
(8) विकास के नाम पर धोखाधड़ी
(9) विदेशी करन
(10) गो हत्या जो आजादी के बाद भी बंद नही हुई है
जब हम गुलाम थे तब ये सब घटनाएं होती थी तब तो हमे बात समझ भी आता था पर आजादी के बाद भी ये सब हो रहा है तो इसका मतलब क्या है हमने जिन लोगो को अपने देश की बागडोर दी थी वो किस दिशा पर हमें ले जा रहे थे क्यो हम समझ नही पाए
जैसे आज देश से कांग्रेस का नामोनिशान मिट रहा है अगर ये काम पहले हमारी जनता कर देती तो आज देश इस हाल में नही होता
जब भारत आजाद हुआ था तो एक रुपया = एक डॉलर था ओर आज आप देख लो कितना हो गया है आप इस बात का आंकलन करो की हमने तरक्की की है कि अपने देश का विनाश
हमारे देश पर आज विदेशी बैंकों और अन्य देशों का इतना कर्जा हो गया है कि कर्जा चुकाना तो बड़े दूर की बात है उस कर्जे पर लग रहे ब्याज दर को चुकाने के लिए भी नया कर्ज़ लेना पड़ता है हमारे देश मे विदेशी करन इतनी तेजी से हो रहा है जिसका कोई अंदाजा नही है
ओर दूसरी सबसे अजीब ओर विचित्र बात इन नेताओं की देखो और हमारी मूर्ख जनता की मूर्खता एक तरफ तो विदेशो से कर्जा ले कर नेताओं ने इतना कर्जे में डूबा दिया भारत को तो उसी तरफ स्विस बैंकों में इन नेताओं ने इतना पैसा जमा कर रखा है कि जिसकी कोई हद नही है मुझे जब इस बात का पता चला कि स्विस बैंकों में भारत का इतना पैसा है कि अगर उस पैसे को भारत वापिस लाया जाए तो हमारे देश पर जितना कर्जा अब तक है वो हम चुका
सकते है और कर्जा चुकाने के बाद भी हमारे देश के पास इतना पैसा बच जाता है कि अगर जिस से देश को विकसित किया जा सकता है
ओर सबसे बड़ी बात यह हो जायेगी की 1 डॉलर = 1 रुपया हो जायेगा और बिना कुछ किये हमारे देश के लोगो की आमदनी एक दम 67 गुना बढ़ जाएगी
अगरआजादी के बाद इन मे से किसी भी एक नेता ने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से ओर देश भक्ति से काम किया होता तो आज हमारे देश की हालत कुछ और होती पर मुझे ये सोच कर बड़ी हैरानी होती है आखिर हमारे देश के लोगो को इतनी बात भी समझ नही आ रही थी कि जिन्हें हम बार बार मोका दे रहे थे उन्होंने क्या काम किया है इन बातों में से किसी भी बात के आंकड़े कम हुए है या इन चीजों को जड़ से उखाड़ फेंका है कि नही ये हमे सही दिशा में ले जा रहे है कि नही इन बातों की समीक्षा किसी नही की ओर आंखे बंद कर के विशवास करते रहे जिनका भुगतान आज हमारी पीढ़ी कर रही है
मेरी सब लोगो से विनती है कि इन बातों पर चिंतन करे और इन मुद्दों पर चर्चा करे कि हम किस दिशा में जा रहे है
ओर गो ह्त्या आज भी हमारे देश मे क्यों हो रही हैं और सरकार इसको बन्द कराने में आज भी नाकाम क्यों हैं ये एक गहन चिंता की बात है
धन्यवाद
केके राजपूत(कबू)
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